बुधवार को विधानसभा शून्य काल के दौरान बोलते हुए राज्य के मत्स्यपालन मंत्री डी जयकुमार ने अध्यक्ष पी धनपाल द्वारा सदन संचालित ेकरने के लिए अपनाए गए तरीके की प्रशंसा की। डी जयकुमार ने कहा कि द्रमुक ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन से ही विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने बहुत धीरज रखा और सभी विधायकों के साथ समान व्यवहार किया। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को समान अधिकार दिया है। द्रमुक और अन्य विपक्षी पार्टियों के विधायकों ने विश्वासमत के दौरान अपनी सीमा पार करने की कोशिश की लेकिन इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष ने संतुलन बनाए रखा। कुछ विधायक तो विधानसभा में हिंसा पर उतारु हो गए थे लेकिन अध्यक्ष ने अपने शांत आचरण के साथ लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बरकरार रखा।द्मष्ठत्रय् झ्श्न्यत्रझ्ूय् ्यप्थ्य्द्मफ्द्नय् द्बष्ठ्र ृय्द्मष्ठ फ्ष्ठ ठ्ठणद्य द्यब्ष्ठ ब्स्रजयकुमार ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने पर द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन को निशाने पर लेते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को विधानसभा में आने से डर था क्योंकि मुख्यमंत्री इडप्पाडी के पलानीस्वामी ने स्पष्ट रूप से समझाया है कि द्रमुक ने स्टरलाइट मुद्दे पर लोगों को कैसे धोखा दिया था। उन्होंने कहा, अन्नाद्रमुक ने २२ वर्ष से चल रहे कावेरी मुद्दे में में भी कानूनी सफलता प्राप्त की है जिसने द्रमुक को डरा दिया है कि कहीं राज्य के लोगों द्वारा उन्हें राज्य की राजनीति से दरकिनार न कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि तुतुकुडी में हुई हिंसा के लिए सरकार द्वारा गठित जांच आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद इस हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ क़डी कार्रवाई की जाएगी।द्बय्स्र·र्ैं ्यप्थ्य्द्मफ्द्नय् फ्ैंघ्य्यध्त्र ·र्ैंद्यद्मष्ठ झ्द्य ·र्ैंर् ृय्ध्ह्घ्द्मय्जयकुमार ने द्रमुक विधायकों के राज्य विधानसभा में नहीं पहुंचने और पार्टी मुख्यालय अन्ना अरिवालयम में मॉक विधानसभा संचालित करने पर आ़डे हाथों लिया। उन्होंेने कहा कि द्रमुक को लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है। द्रमुक नेताओं द्वारा उठाने वाले हर प्रश्न का सत्ता पक्ष द्वारा विधानसभा में काफी स्पष्ट तौर पर जवाब दिया जाता है और यही कारण है कि वह राज्य विधानसभा में नहीं पहुंच रहे हैं और मॉक विधानसभा का आयोजन कर खुद ही बातें कर रहे हैं और खुद ही उसे सुन भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के मुद्दे पर भी राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य के हित में आदेश सुनाए जाने के बाद उनकी बोलती बंद हो गई है।्यद्धज्ध्र् द्बैंख़य्र् द्मष्ठ द्नर् फ्ख्रद्म द्बष्ठ्र द्यक्वर् ृझ्द्मर् द्धय्त्रडी जयकुमार के साथ ही राज्य के बिजली मंत्री पी तंगमणि ने विधानसभा में कहा कि सरकार की ओर से की गई कोशिशों का ही परिणाम है कि मौजूदा समय में मई और जून महीनों में भी सरकार राज्य के सभी जिलों में बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा राज्य को बिजली के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए गए प्रयासों के कारण राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान ४३२ सब स्टेशनों का निर्माण किया गया है। राज्य बिजली बोर्ड ने प्राथमिकता के साथ उन स्थानों पर सब स्टेशनों का निर्माण किया है जहां पर लोगों को बिजली कटौती का सामना करना प़ड रहा था। इसके साथ ही राज्य गैर परंपरागत स्रोत्रों से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है।