कांग्रेस ने एसडीपीआई, पीएफआई से मिलाए हाथ : मुरलीधर राव

कांग्रेस ने एसडीपीआई, पीएफआई से मिलाए हाथ : मुरलीधर राव

बेंगलूरु/दक्षिण भारतकर्नाटक की सत्ता में आसीन कांग्रेस ने एसडीपीआई और पीएफआई जैसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों के साथ हाथ मिला लिए हैं्। अगर आगामी विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के हाथों सत्ता की चाबी आती है तो इन संगठनों के खिलाफ बेहद क़डी कार्रवाई की जाएगी। आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले इन संगठनों पर सख्त प्रहार किया जाएगा। भाजपा के महासचिव पी. मुरलीधर राव ने गुरुवार को यहां भाजपा समर्थकों के साथ बातचीत के एक कार्यक्रम ’’डायलॉग बेंगलूरु-२०१९’’ के दौरान कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत काफी नाजुक हैं क्योंकि यहां की कांग्रेस सरकार संकीर्ण राजनीतिक हित साधने के लिए ऐसे तत्वों के साथ मेल-मिलाप ब़ढा रही है। यह युवा वर्ग में फैल रही कट्टरता को नियंत्रित करने में असफल रही है। एसडीपीआई और एफपीआई जैसे संगठन कट्टरपंथी सोच को हवा दे रहे हैं। राज्य के कई युवा सीरिया तक पहुंच गए और इनमें से कइयों को आतंकी संगठनों की ओर से ल़डते हुए मार गिराया गया। राव ने कहा कि भाजपा ने बेंगलूरु जैसे तकनीकी शहर की जरूरतों को महसूस करते हुए इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में यहां के लिए अलग घोषणापत्र जारी करने का निर्णय लिया है। यहां अपराध का ग्राफ छत फो़डकर आसमान की ओर ब़ढता जा रहा है। हालत यह है कि पूंजी निवेशक यहां अपने पैसे लगाने से हिचकिचाने लगे हैं। यह कांग्रेस के पांच वर्षों के कार्यकाल का असर है। इस सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सनिश्चित करने में भी दिलचस्पी नहीं दी और न ही राज्य के महानगरों के विकास के लिए इसके पास कोई निश्चित दृष्टिकोण है। राव ने कहा, ’’पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान सिद्दरामैया सरकार सिर्फ यहां के खजाने को लूटती रही। इसने बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं किया। इसके मद्देनजर भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने एजेंडे में बेंगलूरु को इसका खोया हुआ रुतबा दोबारा दिलाने को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही प्रशासनिक छिद्रों को भरने पर भी ध्यान दिया जाएगा।’’ राव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भविष्य के बारे में सोचना बंद कर चुकी है और अब इसके दिमाग में सिर्फ अपना वोटबैंक बचाए रखने की चिंता घूम रही है। इससे कर्नाटक को हर मोर्चे पर काफी बुरा असर सहना प़डा है। अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आती है तो यह सुनिश्चित करेगी कि कर्नाटक में सुशासन के दिन वापस लाए जाएं।

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