गुटखा घोटाला मामले में उच्च न्यायालय ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
गुटखा घोटाला मामले में उच्च न्यायालय ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार को एक ब़डा झटका दिया है। न्यायालय ने राज्य में हुए गुटखा घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश दिया है। घोटाले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर और पुलिस महानिदेशक टीके राजेंद्रन का नाम आने से काफी समय से तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मची थी।मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायाधीश अब्दुल कुडोज की पीठ ने विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता जे अनबगजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया । न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार जिस तरह से इस मामले का सीबीआई जांच की सामान्य याचिका का विरोध कर रही थी, उससे न्यायालय को लग रहा है कि मामले की गहराई में जाना जरूरी है। डप्य्ड्वद्भ द्बैंख़य्र् द्मष्ठ ृझ्द्मष्ठ र्ंर्ैंझ्द्य ध्ख्ष्ठ ृय्द्यह्झ्ह्र ·र्ैंह् द्म·र्ैंय्द्यय्न्यायालय द्वारा आदेश जारी करने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर ने पत्रकारों से बातचीत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों के खिलाफ इस प्रकार का आरोप लगाना आम बात है। उन्होंने कहा कि गुटखा घोटाले में सरकार द्वारा जांच का आदेश जारी किया गया था और उस समय भी जांच में सहयोग करने के लिए तैयार था और अब उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा जांच करवाने का निर्देश दिया है तो इस समय में भी जांच मंें पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सत्तारुढ अन्नाद्रमुक की छवि खराब करने के लिए राज्य की विपक्षी पार्टियों ने यह आरोप लगाया है। डट्टय्यध्द्म द्मष्ठ डप्य्ड्वद्भ द्बैंख़य्र् ·र्ष्ठैं ंडत्रर्ड्डर्ष्ठैं ·र्ैंर् द्बय्ैंख् ·र्ैंर्इस संबंध में विपक्षी पार्टी द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में भास्कर और राजेंद्रन के इस्तीफे की मांग की है। स्टालिन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आयकर विभाग द्वारा सौंपे गए तथ्यों के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस महानिदेशक दोनों ने राज्य में गुटखा की अवैध बिक्री की अनुमति देने के लिए गुटखा कंपनी से रिश्वत के रुप में एक मोटी रकम प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि जब द्रमुक ने इस मुद्दे को राज्य विधानसभा में उठाया और द्रमुक सदस्यों ने विधानसभा में गुटखा के पैकेट लहराए तो द्रमुक विधायकों पर ही कार्रवाई शुरु कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच के बाद सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।स्टालिन द्वारा स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग पर राज्य के मत्स्य मंत्री डी जयकुमार ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत मंें कहा कि अगर जांच में दोष साबित होता है तभी इस्तीफा का औचित्य है। इस घोटाले में किसकी संलिप्तता थी इसे जाने बिना किसी का इस्तीफा नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच गंभीरता से करवाने की दिशा में कदम उठाया और जिन लोगों की संलिप्तता सामने आई उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई। उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा अन्नाद्रमुक सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में नहीं हिचकती और सीबीआई जांच के बाद यदि कोई दोषी पाया जाता है तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।ख्रुट्टक्वय् ·ैंर्ैंझ्द्मर् झ्द्य च्णय्झ्ष्ठ ·र्ष्ठैं ख्रह्रद्यय्द्म फ्य्द्बद्मष्ठ ृय्द्भय् च्चय्ह्ट्टय्ध्य्ज्ञातव्य है कि यह मामला सामने तब आया था जब ८ जुलाई २०१७ को आयकर विभाग ने लगभग २५० करो़ड रुपए की टैक्स चोरी के शक में एक गुटखा निर्माता कंपनी के गोदाम, दफ्तर और घरों में छापा मारा था। राज्य सरकार ने वर्ष २०१३ में गुटखा और पान मसाला समेत खाद्य तंबाकू पदार्थों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी थी। छापे के दौरान विभाग को एक डायरी मिली थी जिसमें उन लोगों के नाम थे जिन्हें कथित तौर पर पैसे दिए गए थे। कथित तौर पर इनमें से एक नाम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का भी था। यह बात सामने आते ही द्रमुक ने न्यायालय में एक विशेष जांच की टीम का गठन करने की मांग करते हुए याचिका दायर की। पार्टी की मांग थी कि टीम में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबीआई अधिकारियों की सदस्यता वाली किसी समिति से इस मामले की जांच करवाई जाए। न्यायालय को सुनवाई के दौरान यह पता चला कि आयकर विभाग का पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को लिखा हुआ खत अन्नाद्रमुक से मौजूदा समय में दरकिनार की जा चुकी और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में बेंगलूरु की परपन अग्रहारम जेल में बंद नेता वीके शशिकला के कमरे से बरामद हुआ था। विभाग ने तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक द्वारा वह खत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को भेजा था, लेकिन यह पत्र शशिकला के कमरे से बरामद किया गया था।