स्टालिन ने ममता बनर्जी के प्रयासों को सराहा
स्टालिन ने ममता बनर्जी के प्रयासों को सराहा
चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा देश भर की क्षेत्रीय पार्टियों को केन्द्र की ’’अलोकतांत्रिक भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)’’ सरकार के खिलाफ एकजुट करने के लिए की जा रही कोशिश की सराहना की। स्टालिन ने एक ट्विट कर कहा कि द्रमुक हमेशा से क्षेत्रीय पार्टियों की एकजुटता और एक मजबूत संघीय सहयोग के पक्ष में रही है। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा देश की विभिन्न पार्टियों को एकसाथ लाने के दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करता हूं। स्टालिन द्वारा यह ट्विट करने के बाद सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर चर्चा शुरु हो गई कि कहीं कांग्रेस के साथ द्रमुक का गठबंधन तो नहीं टूटने वाला है क्योंकि ममता बनर्जी सभी क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट करना चाहती हैं लेकिन वह कांग्रेस के बिना एक तीसरा मोर्चा तैयार करने की बात कह रही है। सोशल मीडिया पर स्टालिन के इस ट्विट के बाद यह कहा जा रहा है कि यदि कांग्रेस के बिना कोई तीसरा मोर्चा तैयार किया जाता है तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है। स्टालिन के इस ट्विट पर ममता बनर्जी ने भी भी ट्विटर पर एक ट्विट कर स्टालिन को उनके द्वारा दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।इसी क्रम में गुरुवार को स्टालिन ने पिछले तीन दिनों से समान वेतन की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे राज्य के सेकेंडरी ग्रेड शिक्षकों का समर्थन किया। ज्ञातव्य है कि राज्य के लगभग १००० शिक्षकों द्वारा अपनी मांगों को लेकर नुंगमबाक्कम में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। वर्ष २००९ के बाद नियुक्त किए गए सेकेंडरी ग्रेड के शिक्षकों का कहना है कि वर्ष २००९ से पहले नियुक्ति किए गए इस श्रेणी के शिक्षकों और उनके वेतन में प्रत्येक महीने १४ हजार तक का अंतर है। इन शिक्षकों के एक वर्ग द्वारा भूख ह़डताल भी की जा रही है और इनमें से लगभग ३० शिक्षकों की तबीयत बिग़डने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने शिक्षकों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है लेकिन शिक्षकों ने इस समिति से मिलने से इंकार कर दिया।