चक्रवात में मृत मछुआरों को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा
चक्रवात में मृत मछुआरों को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा
चेन्नई। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने शुक्रवार को घोषणा की पिछले सप्ताह राज्य के कन्याकुमारी जिले सहित राज्य के अन्य तटवर्ती जिलों में आए ओखी चक्रवात के दौरान मरने वाले मछुआरों के परिवार को प्रति परिवार १० लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि मृत मछआरों को जो १० लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा उसमें दो लाख रुपए की बीमा राशि भी शामिल होगी। मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा है कि कन्याकुमारी जिले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के ११ वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में राहत कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य के पांच अन्य वरिष्ठ अधिकारी ओखी से प्रभावित महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, केरल और लक्षद्वीप में कैंप कर रहे हैं ताकि वहां फंसे राज्य के मछुआरों को वापस अपने राज्य लाया जा सके।मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि जिन मछुआरों की नौकाओं को चक्रवात में नुकसान हुआ है और इसकी वजह से वह अपना कार्य करने में असक्षम हैं उन्हें ५ लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ओखी चक्रवात के कारण हुए नुकसान और मछुआरों और ओखी प्रभावित लोगों के लिए किए जा रहे राहत कार्य की समीक्षा करने के लिए राज्य सचिवालय में बैठक करने के बाद एक बयान जारी कर यह घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो मछुआरे चक्रवात के दौरान घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं उन्हें ५०,००० रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। जो मछुआरे ओखी चक्रवात के बाद से लापता है उनके परिवारों को प्रति परिवार ५००० रुपए और कन्याकुमारी जिले के सभी मछुआरों को २,५०० रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओखी चक्रवात के कारण कन्याकुमारी जिले के मछुआरे अपनी आजीविका अर्जित नहीं कर पा रहे हैं और इसलिए इस जिले के सभी मछुआरों को आर्थिक मदद दी जाएगी।सरकार द्वारा सभी गावों से लापता हुए मछुआरों और नौकाओं की सही संख्या पता लगाने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है और इसे अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। इस पैनल की अगुवाई राज्य के राजस्व सचिव गगनदीप सिंह बेदी कर रहे हैं। इस पैनल की रिपोर्ट के आधार पर मृत और लापता मछुआरों के परिवार के सदस्यों की सरकार की ओर से मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दूसरे राज्यों में राहत शिविरों में रह रहे राज्य के मछुआरों के लिए प्रति मछुआरा २००० रुपए का भोजन भत्ता दिया जाएगा। इसी प्रकार से गुजरात,महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में अपनी नौकाओं के साथ फंसे मछुआरों को १००० लीटर ईंधन और कर्नाटक तथा केरल में नौकाओं के साथ फंसे राज्य के मछुआरों को ७५० लीटर ईंधन उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि वह आराम से अपने घर लौट सकें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन मछुआरों की नौकाएं क्षतिग्रस्त हो गई है उन्हें अपनी नौकाओं की मरम्मत करवाने के लिए भी समुचित राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार ने कहा है कि चक्रवात में मरने वाले मछुआरों के बच्चों को विशेष शिक्षा सहायता सरकार की ओर से दी जाएगी। ऐसे बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण देने में प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के मछुआरों से अनुरोध किया है कि वह सरकार के समक्ष अपनी नौकाओं का पंजीकरण करवाएं और अपनी नौकाओं में दूरसंचार उपकरण लगवाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की किसी भी आपदा की स्थिति में उनकी मदद जल्द से जल्द की जा सके। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जब तक सभी मछुआरे समुचित राज्य में नहीं लौटते तब तक बचाव अभियान जारी रखा जाए।