शासकीय सुविधाओं में धार्मिक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का भेदभाव बंद हो : विश्वेशतीर्थ

शासकीय सुविधाओं में धार्मिक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का भेदभाव बंद हो : विश्वेशतीर्थ

उडुपी। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित धर्मसंसद के तीसरे व अंतिम दिवस की अध्यक्षता अयोध्या के मणिरामदास छावनी के महंत कमलनयन दास महाराज ने की। गोरक्षा के संदर्भ में प्रस्ताव की भूमिका रखते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला ने कहा कि भारत की पहचान गाय है। गाय समरसता की देवी है। गाय किसी में भेद नहीं करती। मानव को शाकाहारी गाय ने ही बनाया है। अतः अहिंसा की देवी भी गाय ही है। अर्थव्यवस्था और पर्यावरण का आधार भी गाय ही है। घर-घर गाय, ग्राम-ग्राम गौशाला-यही है भारत की निरोगशाला। गोपाल के देश में प्रतिदिन गाय की हत्या हो रही है। अंग्रेजों के देशों में घो़डों की हत्या पर, मुस्लिम देशों पर सुअर की हत्या पर प्रतिबंध है तो भारत में गौहत्या पर प्रतिबंध क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि डोजियर गोभक्तों का नहीं गौभक्षकों का बनना चाहिए। भारत से किसी भी प्रकार गौमांस निर्यात बंद हो। इसके लिए केन्द्रीय कानून बने और गौहत्यारों को फांसी की सजा हो। पेजावर पीठाधीश्वर विश्वेशतीर्थ स्वामीजी ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि जो शासकीय सुविधाएं धार्मिक अल्पसंख्यकों को मिल रही हैं वह सुविधाएं बहुसंख्यकों को भी मिलनी चाहिए। भारतीयों में भेदभाव नहीं करना चाहिए। इसके कारण कई धार्मिक संस्थाएं हिंदू से अलग होना चाहते हैं ताकि उन्हें शासकीय सुविधाएं मिल सकें। यह प्रस्ताव दलितों एवं पिछ़डों के लिए भी अत्यन्त अनुकूल है। इन दोनों प्रस्तावों का उपस्थित सभी संतों एवं अन्य उपस्थित लोगों ने ओम ध्वनि से पारित किया। धर्म संसद ने देश में गौहत्या पर प्रतिबंध का एक प्रस्ताव पारित किया।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

केंद्र आईटीआई लि. को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने की रणनीति पर कर रहा काम: ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र आईटीआई लि. को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने की रणनीति पर कर रहा काम: ज्योतिरादित्य सिंधिया
Photo: JMScindia FB Page
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़रदारी की जाने वाली है कुर्सी!
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा भारत
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है: सिद्दरामय्या
बिहार में मतदाता सूची के 'एसआईआर' को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा?
अगला दलाई लामा स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश से होगा, चीन से नहीं: अरुणाचल के मुख्यमंत्री
अज्ञानता मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन: कमल मुनि कमलेश