अन्नाद्रमुक की महापरिषद की बैठक रोकने संबंधी याचिका खारिज

अन्नाद्रमुक की महापरिषद की बैठक रोकने संबंधी याचिका खारिज

चेन्नई। राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के दिनाकरण खेमे को मद्रास उच्च न्यायालय ने करारा झटका दिया। उच्च न्यायालय ने दिनाकरण खेेमे ने मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम द्वारा मंगलवार को आहूत अन्नाद्रमुक की महापरिषद की बैठक को अवैध घोषित करने और इस पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका टीटीवी दिनाकरण के समर्थक और शहर के पेरम्बूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पी वेट्रिवेल द्वारा दायर की गई थी।उच्च न्यायालय ने न्यायपालिका का समय बर्बाद करने और निजी हितों से प्रेरित होकर याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सीवी कार्तिकेयन ने इस प्रकार की याचिका दायर करने से पूर्व मुख्य न्यायाधीश से अनुमति नहीं लेने के लिए भी याचिकाकर्ता को जमकर ख़री खोटी सुनाई क्योंकि यह मामला राज्य के विधायकों और मंत्रियों की संलिप्तता से संबंधित था। उन्होंने कहा कि जब इस मामले में मुख्यमंत्री और मंत्री तथा राज्य के अन्य जन प्रतिनिधियों की संलिप्तता है तो याचिकाकर्ता को नियम पूर्वक पहले मुख्य न्यायाधीश से याचिका दायर करने की अनुमति लेनी चाहिए थी। सोमवार को जब यह याचिका सुनवाई के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष आई तो याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने यह याचिका व्यक्तिगत क्षमता के अनुरुप दायर की है। एक विधायक होने की क्षमता के साथ उन्होंने यह याचिका दायर नहीं की है। जिसे सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा अगर ऐसी बात है तो यह शिकायत भी एक मामूली शिकायत की तरह ली जाएगी और इसे एक समूह या एक पार्टी के विशेष ध़डे की ओर से दायर की गई याचिका के तौर पर नहीं लिया जाएगा। अदालत ने कहा कि जब यह याचिकाकर्ता की व्यक्तिगत शिकायत है तो यह उसके व्यक्तिगत निर्णय पर निर्भर करता है कि वह चाहे तो इस महापरिषद की बैठक में शामिल हो सकता है या उस स्थान पर जाकर अकेले बैठकर भोजन कर सकता है या फिर इसमें शामिल होने के लिए मिले आमंत्रण को नजरअंदाज कर अपने घर पर ही रह सकता है।जब याचिकाकर्ता ने इस मामले में निर्वाचन आयोग के पास जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया तो मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता है।

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