द्रमुक पिछले दरवाजे से सत्ता में नहीं आएगी : स्टालिन

द्रमुक पिछले दरवाजे से सत्ता में नहीं आएगी : स्टालिन

चेन्नई। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने रविवार को चेन्नई हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी कभी भी ’’पिछले दरवाजे’’ से तमिलनाडु की सत्ता में नहीं आएगी। द्रमुक नेता ने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भी यह बात कही और इस बात को फिर से दोहराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक एक ऐसी पार्टी है जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखती है और हमेशा लोकतांत्रिक ढंग से ही सत्ता में आना चाहेगी। उन्होंने राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार अल्पमत में आ चुकी है और किसी भी समय गिर सकती है।स्टालिन ने कहा कि पिछले दरवाजे से आसानी से सत्ता तक तो पहंुचा जा सकता है लेकिन इस प्रकार की सरकार को चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना प़डता है। उन्होंने कहा कि द्रमुक द्रवि़ड सिद्धांतों पर चलने वाली ऐसी पार्टी है जिसे लोकतंत्र में दृढ विश्वास है और यह लोकतंत्र के खिलाफ कभी नहीं जाएगी। उन्होंने मौजूदा सरकार की स्थिरता पर सवाल ख़डे करते हुए कहा कि सत्तारू़ढ पार्टी में संकट की स्थिति के कारण राज्य में अनिश्चितता का माहौल है। यहां तक कि सत्तारुढ दल के कैडर भी अनिश्चतता में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें बदलाव जरूर होगा। मुद्दा यह है कि सरकार एक वर्ष चलेगी, कुछ महीने या कुछ दिन इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार यदि किसी भी समय गिर जाए तो भी इसमें हैरानी की कोई बात नहीं होगी। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा(नीट) के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली दलित छात्रा अनीता की आत्महत्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसे आप आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन मेरी नजर से तो उसने राज्य सरकार के झूठे आश्वासनों के कारण अपनी जान दी है। राज्य सरकार बार-बार राज्य के विद्यार्थियों को यह दिलासा दे रही थी कि उन्हें नीट से छूट दिलवाई जाएगी लेकिन सरकार ऐसा करने मंे पूरी तरह से विफल हुई है। इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पलनीस्वामी और स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से अनीता के परिजनों को १० लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग करते हैं। ज्ञातव्य है कि अनीता के आत्म हत्या करने के बाद से अरियालुर जिले के कुलुमुर में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैंं।स्टालिन ने मौजूदा सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में संकट की स्थिति के कारण राज्य में अनिश्चितता का माहौल है। यहां तक कि सत्तारुढ दल के कैडर भी अनिश्चतता में जी रहे हैं।

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