बाइक रैली पर प्रतिबंध लगाना आपातकाल जैसा : भाजपा
बाइक रैली पर प्रतिबंध लगाना आपातकाल जैसा : भाजपा
बेंगलूरू। प्रदेश में हिंदू समर्थक कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के विरोध में मंगलवार को प्रतिबंध के बावजूद ‘मेंगलूरू चलो’’ बाइक रैली निकालने की कोशिश कर रहे भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सैंक़डों कार्यकर्ताओं को बेंगलूरु सहित राज्य के अन्य हिस्सों में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राज्य सरकार ने पहले ही इस रैली पर प्रतिबंध लगा दिया था। पुलिस प्रशासन ने शांति भंग करने वाली सभी प्रकार की रैलियों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।भाजपा ने सरकार के इस कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और रैली को निकालने की कसम खाई थी। रैली के लिए मंगलवार को ब़डी संख्या में कार्यकर्ता बेंगलूरु में फ्रीडम पार्क में पहुंचने लगे थे, जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा को इसको झंडी दिखाकर रवाना करना था। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए करीब ६०० भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और येड्डीयुरप्पा भी रैली को झंडी दिखाने फ्रीडम पार्क नहीं आ पाए। भाजपा ने हाल के समय के दौरान अपने कई कार्यकर्ताओं के मारे जाने में कथित भूमिका के लिए अल्पसंख्यक युवाओं के नेतृत्व में कुछ संगठनों पर प्रतिबंध लगाने और इन हत्याओं की सीबीआई जांच की मांग करने के लिए रैली निकालने की घोषणा की थी। वहीं पुलिस ने बाइक रैली पर इस आशंका से प्रतिबंध लगा दिया कि इससे सांप्रदायिक संघर्ष हो सकता है। आरएएस और दक्षिण पंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में भाजपा युवा मोर्चा ने राज्य के सभी जिलों से रैली निकालने की घोषणा की थी। द्धष्ठ्रख्यरूर्ङैं फ्यब्त्र ·र्ैंंश्च ्यज्यष्ठद्बष्ठ्र झ्रु्ययफ् फ्ष्ठ द्मह्·र्ैंद्वय्ह्र·र्ैंबाइक रैली पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस ने फ्रीडम पार्क में १००० से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों और १२० आरएएफ कंपनी को तैनात किया था जबकि ज्यादातर जिलों, जिसमें विशेष रूप से दक्षिण कर्नाटक में पुलिस सुरक्षा की क़डी व्यवस्था की गई थी। प्रदर्शनकारियों की बेंगलूरु शहर के अतिरिक्त चिक्कबलापुरा, हुब्बल्ली, कोलार और अन्य जिलों के कई स्थानों पर पुलिस के साथ नोकझोंक हुई। वहीं बेंलगूरु मं पुलिस ने सैक़डों भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और टाउन हॉल, मिनरवा सर्कल, सिल्क बोर्ड, बसवनगु़डी, के.आर. पुरम और अन्य क्षेत्रों में जहां कार्यकर्ताओं ने भाजपा के स्थानीय विधायक और नगर पार्षदों के नेतृत्व में बाइक रैली निकाली थी उन्हें हिरासत में लेते हुए उनकी बाइक जब्त कर ली। झ्श्न्यत्रद्धैंथ् ्यद्मैंख्रद्मर्द्भ, ्यफ्सद्यय्द्बस्द्भय् ·र्ैंय्यद्मह्लय्श्चद्भ त्रय्द्मय्प्रय्य्ब् ·र्ैंर् द्नय्ैं्यत्र दृ ृप्रय्ह्·र्ैंपूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता आर अशोक ने राज्य सरकार के इस कदम की निंदा की और कहा कि कांग्रेस सरकार इन कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। अशोक ने बाइक रैली को अनुमति नहीं देने के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया और गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी की निंदा की और इसे विपक्ष की आवाज को दबाने वाला कदम करार दिया। उन्होंने यूगांडा के तानाशाह इडी अमीन से मुख्यमंत्री सिद्दरामैया की तुलना करते हुए कहा कि बाइक रैली पर प्रतिबंणध स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राज्य सरकार राज्य में भाजपा के समर्थकों से डरी हुई है। इस दौरान आर. अशोक और लोकसभा सदस्य शोभा करंदलाजे और भाजयुमो अध्यक्ष प्रताप सिम्हा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अतिरिक्त राज्य के अन्य जिलों में भी कई भाजपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर ने बाइक रैली को अनुमति नहीं देने पर राज्य सरकार की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार हमारी रैली को दबाने की कोशिश कर रही है। सरकार इस प्रकार सांप्रदायिक तनाव को बढाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सिद्दरामैया सरकार राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति थोपने का प्रयास कर रही है।द्यस्यर्, द्यय्ज्द्मर््यत्र झ्श्न्यत्रप्रय्ह्थ् ृय्स्द्य प्रय्य्ैं्यत्रद्नैंख् ·र्ैंद्यद्मष्ठ ·र्ैंय् ॅज्ष्ठ्रठ्ठय् दृ ्यफ्सद्यय्द्बस्द्भय्मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने भाजयुमो की बाइक रैली को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए कहा कि इससे सामाजिक समरसता और सार्वजनिक शांति बाधित होगी और यह भाजपा द्वारा एक राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में आयोजित रैली है। सरकार ऐसे किसी ऐसे आंदोलन को अनुमति नहीं देगी। केपीसीसी अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा कि सरकार किसी भी उद्देश्य के लिए शांतिपूर्ण विरोध के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह रैली भाजपा का सार्वजनिक शांति बाधित करने का एक गुप्त एजेंडा था। उन्होंने कहा कि इस बाइक की रैली को अलग-अलग समुदायों के लोगों के बीच नफरत फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि हमने भाजपा नेताओं से आग्रह किया था कि वे राज्य के अलग अलग जिलों से मंेगलूरु के लिए बाइक रैली निकालने के बदले मेंगलूरु में शांतिपूर्ण सभा का आयोजन करें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बाइक रैली से न सिर्फ राज्य के विभिन्न जिलों में कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की चुनौती उत्पन्न होती बल्कि ट्रैफिक की समस्या से भी लोगों को जूझना प़डता।