जया की मौत की जांच का आदेश आंखों में धूल झोंकने जैसा : स्टालिन

जया की मौत की जांच का आदेश आंखों में धूल झोंकने जैसा : स्टालिन

चेन्नई। मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की जांच का आदेश देने की घोषणा राज्य के लोगांे की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। उन्होंने कहा कि अगर पलानीसामी सरकार सच में उनकी (जयललिता की) मौत के रहस्यों की तह तक पहुंचने की इच्छुक है तो इसे केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपना चाहिए। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पलानीसामी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों से इस्तीफे की भी मांग की ताकि सीबीआई द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच की जा सके।स्टालिन ने कहा कि यह घोषणा सिर्फ अन्नाद्रमुक के पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम ध़डों का विलय करवाने के लिए की गई है। यह विलय किया जाना है ताकि इन दोनों पक्षों के बीच किसी भी प्रकार की बहस हुए बगैर भ्रष्टाचार बेरोकटोक चलता रहे। उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर न्यायिक जांच का आदेश ही देना था तो इतना इंतजार क्यों किया गया? इस जांच का आदेश उसी समय क्यों नहीं दे दिया गया जब मैंने न्यायिक जांच का आदेश देने की मांग की थी?द्रमुक के मंत्री टीकेएस इलंगोवन ने इस संबंध में शुक्रवार को पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह जांच का आदेश जेल में बंद अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की महासचिव वीके शशिकला को राहत पहुंचाने के लिए दिया गया है। पट्टालि मक्कल कच्चि के नेता अंबुमणि रामदास ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश देने की मांग की है। उन्होंने सरकार द्वारा जयललिता की मौत की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने के इस कदम को राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की जांच सिर्फ एक विधान पूरा करने जैसा है और यह आदेश सिर्फ किसी को संतुष्ट करने के लिए दिया गया है।

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