गैस रिसाव: दिल दहलाने वाले दृश्यों ने भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा कीं
गैस रिसाव: दिल दहलाने वाले दृश्यों ने भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा कीं
विशाखापत्तनम/भाषा। अपने बेहोश बच्चों को गोद में उठाए मदद के लिए बदहवास घूम रहे माता-पिता, सड़कों पर पड़े लोग, पीड़ितों को जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता देने की कोशिश में जुटे स्वास्थ्यकर्मी और घटनास्थल से जान बचाकर भाग रहे लोग.. यहां गैस रिसाव के बाद दिल दहलाने वाले इस मंजर ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा करा दीं।
एलजी पॉलिमर्स रासायनिक संयंत्र से हुए स्टाइरीन वेपर रिसाव के बाद ये मार्मिक दृश्य देखने को मिले। संयंत्र से गैस का रिसाव बृहस्पतिवार तड़के उस समय हुआ, जब लोग सो रहे थे। इस रिसाव के बाद सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहीं महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर पड़े देखा गया।इन दृश्यों ने उस भीषण भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी, जब यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से गैस रिसाव के कारण करीब 3,500 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग शारीरिक रूप से अक्षम हो गए थे।
Andhra Pradesh: Visakhapatnam District Collector Vinay Chand visited King George Hospital where people affected by #VizagGasLeak are being treated. pic.twitter.com/tEZLriS82b
— ANI (@ANI) May 7, 2020
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विशाखापत्तनम में गैस रिसाव से सर्वाधिक प्रभावित हुआ गोपालपत्तनम गांव मदद के लिए गुहार लगा रहे लोगों की चीखों से सिहर उठा। गांव के एक निवासी ने बताया कि कई लोग नींद में ही बेहोश हो गए। रिसाव के कारण प्रभावित हुए लोगों को ऑटोरिक्शा और दोपहिया वाहनों से अस्पताल ले जाया गया।
विशाखापत्तनम कलेक्टर विनय चंद ने बताया कि गैस रिसाव की जानकारी मिलते की 20 एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गईं। स्टाइरीन के संपर्क में आने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है। इससे सिर दर्द, थकान, कमजोरी और अवसाद जैसी समस्या पैदा हो सकती है। इसे पॉलीस्टीरीन प्लास्टिक या रेजिन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।