कर्नाटक: डरें नहीं, सावधानी रखें; 103 साल के बुजुर्ग कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए

कर्नाटक: डरें नहीं, सावधानी रखें; 103 साल के बुजुर्ग कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए

कर्नाटक: डरें नहीं, सावधानी रखें; 103 साल के बुजुर्ग कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए

प्रतीकात्मक चित्र। स्रोत: PixaBay

पहले हराया अंग्रेजों को, अब हराया कोरोना को

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राहत की खबर यह है कि हर रोज बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं। कर्नाटक में 103 साल के एक बुजुर्ग ने कोरोना को शिकस्त दी है। प्रख्यात गांधीवादी एचएस दोरैस्वामी कोरोना संक्रमित हो गए थे। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं।

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दोरैस्वामी स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। उन्होंने बताया कि पांच दिन पहले कोरोना के लक्षण दिखे थे। हालांकि कोई जटिलता नहीं थी। फिर भी अस्पताल में भर्ती होने का फैसला किया, चूंकि यह श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्या है।

इसके बाद वे जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च में भर्ती हो गए। यहां विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सीएन मंजूनाथ उनके इलाज के दौरान स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे थे।

दोरैस्वामी की उम्र की देखते हुए परिजन और उनके शुभचिंतक चिंतित थे, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी ने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इलाज कराया और पूरी तरह स्वस्थ हो गए।

बता दें कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय दौरेस्वामी साल 1943 से 1944 तक 14 माह जेल में भी रहे थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अहिंसक लड़ाई में भाग लिया था। वे ‘मैसूरु चलो’ आंदोलन में शामिल हुए थे जिसके बाद इस रियासत का भारज संघ में विलय हो गया और भारत का वर्तमान नक्शा अस्तित्व में आया।

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