पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाली युवती का संबंध नक्सलियों से: येडियुरप्पा

पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाली युवती का संबंध नक्सलियों से: येडियुरप्पा

पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रही युवती

बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाली युवती का संबंध पूर्व में नक्सलियों से रह चुका है।

येडियुरप्पा ने कहा, महत्वपूर्ण यह है कि अमूल्या के पीछे कौन से संगठन हैं और उसे कौन पोषित कर रहे हैं, अगर हमने उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो चीजें रुकेंगी नहीं। प्राथमिक तौर पर यह स्पष्ट है कि इस तरह की घटनाओं के माध्यम से कानून व्यवस्था को बाधित करने का षड्यंत्र है।

अमूल्या लियोना ने तीन बार ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। ‘संविधान बचाओ’ बैनर के तहत लियोना को सभा को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था, इस दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे।

अमूल्या को नारे लगाने के तुरंत बाद हिरासत में ले लिया गया और उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिसके बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अमूल्या के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज हुआ है।

मैसूरु में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जो संगठन उसके पीछे है, उसकी जांच की जाए तो चीजें सामने आएंगी। यह स्पष्ट है कि पूर्व में उसका नक्सलियों से संबंध रह चुका है। इसके बाद उसे सजा मिलनी चाहिए और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो उसके पीछे हैं।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अमूल्या के पिता ने कहा है कि उसे सजा मिलनी चाहिए और जमानत नहीं मिलनी चाहिए और वह उसका बचाव नहीं करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस इस संबंध में आयोजकों से बात कर रही है।

इसी बीच अमूल्या के पिता वाजी ने कहा कि उनकी बेटी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए ताकि वह खुद को सुधार सके।

उन्होंने कहा, ‘यह गलती माफी के काबिल नहीं है। उसने भारतीय लोगों को काफी ठेस पहुंचाई है। मैं बेहद परेशान हूं…कानून के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, वह करीब 19 साल की है। हमें यह पता लगाना होगा कि उसने ऐसा क्यों कहा और कौन इसके पीछे है।’

उन्होंने कहा, ‘वह मेधावी लड़की है। जब मुझे पता चला कि वह सीएए-एनआरसी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रही हो तो मैंने उसे मना किया और कहा कि पहले वह अपनी शिक्षा पूरी करे।’

पुलिस ने चिकमगलूरु में कोप्पा स्थित अमूल्या के घर के बाहर सुरक्षा मुहैया कराई है क्योंकि कुछ लोगों ने वहां विरोध प्रदर्शन किया था।

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