भारत की एकता तोड़ने की कोशिश कर रहे दुश्मन, हमें दृढ़ता से खड़ा होने की जरूरत: मोदी
प्रधानमंत्री ने गुजरात के केवड़िया में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को नमन किया
केवड़िया/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर गुजरात के केवड़िया में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को नमन किया। इसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एकता नगर में हूं। मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा है। शायद ही जीवन में मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी। एक तरफ करुणा से भरा पीड़ित दिल है तो दूसरी ओर कर्त्तव्य पथ है। जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में देख रहा हूं। ये वह वर्ष जब हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। हम नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अगर भारत के पास सरदार पटेल जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता? अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न हुई होतीं तो क्या होता? हमारे ज्यादातर राजा-रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं, उसकी कल्पना न कर पाते।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्य सरदार पटेल ने ही सिद्ध किया है। अतीत की तरह ही भारत के उत्थान से परेशान होने वाली ताकतें आज भी मौजूद हैं। जातियों के नाम पर हमें लड़ाने के लिए तरह-तरह के नरेटिव गढ़े जाते हैं। इतिहास को भी ऐसे पेश किया जाता हैं कि जिससे देश जुड़े नहीं और दूर हो जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार यह ताकत गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे अंदर घर कर जाती है। कई बार तुष्टीकरण के रूप में, कभी परिवारवाद के रूप में, कभी लालच और भ्रष्टाचार के रूप में दरवाजे तक दस्तक दे देती है। जो देश को बांटती और कमजोर करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश के करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक जरूरतों के लिए भी लंबा इंतजार किया है। बुनियादी सुविधाओं की खाई जितनी कम होगी, उतनी एकता भी मजबूत होगी। इसलिए आज देश में सैचुरेशन के सिद्धांत पर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे, इसलिए आज हाउसिंग फॉर आल, डिजिटल कनेक्टिविटी फॉर आल, क्लीन कुकिंग फॉर आल, इलेक्ट्रिसिटी फॉर आल के सिद्धांत पर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का जन-जन लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की संकल्प शक्ति से प्रेरणा ले रहा है। आज देश का जन-जन अमृतकाल के पंच प्राणों को जाग्रत करने के लिए राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए के लिए संकल्प ले रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से नहीं, बल्कि सैकड़ों वर्षों पहले गुलामी के लंबे कालखंड में भी भारत की एकता हमारे दुश्मनों को चुभती रही है। भारत को बांटने के लिए, तोड़ने के लिए सब कुछ किया लेकिन हम उनका मुकाबला कर सके, क्योंकि एकता का अमृत हमारे भीतर जीवंत धारा के रूप में बह रहा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास', इस मंत्र को लेकर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। आज देश के हर कोने में, हर गांव में, हर वर्ग और हर व्यक्ति के लिए बिना भेदभाव के एक जैसी नीतियां पहुंच रही हैं।