राजस्थान के कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार करें विधानसभा अध्यक्षः भाजपा

राजस्थान के कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार करें विधानसभा अध्यक्षः भाजपा

कटारिया ने अपने ज्ञापन में कहा कि 25 सितंबर को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक करने के बाद मंत्रियों सहित 91 कांग्रेस विधायकों ने स्वेच्छा से अलग अलग लिखे इस्तीफे दिए थे


जयपुर/भाषा। राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी से अनुरोध किया वे राज्य के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों द्वारा पिछले दिनों दिए गए इस्तीफे को स्वीकार कर लें।

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नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज जोशी को उनके आवास पर एक ज्ञापन सौंपा। कटारिया ने कहा कि अगर इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जाते हैं तो कांग्रेस विधायकों को उन्हें वापस ले लेना चाहिए और राज्य के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

कटारिया ने अपने ज्ञापन में कहा कि 25 सितंबर को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक करने के बाद मंत्रियों सहित 91 कांग्रेस विधायकों ने स्वेच्छा से अलग अलग लिखे इस्तीफे दिए थे।

उन्होंने कहा कि उक्त बैठक, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की उस बैठक के समानांतर आयोजित की गई थी, जिसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस में अंदरूनी कलह और राजनीतिक संकट के कारण एक नए मुख्यमंत्री का चयन करने के निर्देश पर बुलाया गया था।

उन्होंने कहा कि करीब दो सप्ताह बीत चुके हैं और 91 विधायकों के त्यागपत्र पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा विधायक दल आपसे अनुरोध करता है कि स्वेच्छा से दिए गए विधायकों के त्याग पत्र स्वीकार करें या विधायक आपके सामने पेश होकर इस्तीफा वापस ले लें और राज्य के लोगों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।’

प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा के सचेतक जोगेश्वर गर्ग और अन्य विधायक मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई गई थी। इसे कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री को बदलने की कवायद के रूप में देखा गया क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था।

हालांकि, सीएलपी की बैठक नहीं हो सकी क्योंकि गहलोत के वफादार विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी संभावित कदम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इन विधायकों का कहना था कि अगर विधायक दल का नया नेता चुनना है तो वह उन 102 विधायकों में से हो जिन्होंने जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था। तब पायलट और 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के खिलाफ बगावत की थी।

उल्लेखनीय है कि इस ताजा घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने दिल्ली में सीएलपी की बैठक में एक-पंक्ति का प्रस्ताव पारित नहीं होने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और घोषणा की कि वह पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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