ज्ञान आर्थिक और सामाजिक विकास का नया इंजनः पटनायक
केआईआईटी का 18वां वार्षिक दीक्षांत समारोह
भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को केआईआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के 18वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हम एक भू-आर्थिक विश्व में रह रहे हैं और ज्ञान को आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को प्राप्त करने के लिए प्रमुख संसाधन के रूप में मान्यता प्राप्त है।
स्नातकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने विचारों और नवाचारों से समाज में अपनी पहचान बनाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछले 25 वर्षों में केआईआईटी ने देश में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने लिए स्थान बनाया है। इसने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करके कई कीर्तिमान हासिल किए हैं और यह सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों में भी मजबूती से खड़ा है।
उन्होंने खेल के क्षेत्र में इसके महत्वपूर्ण योगदान का भी उल्लेख किया। इस साल संस्था अपनी रजत जयंती मना रही है।
उन लोगों के लिए कुछ करें, जिनके पास कम सुविधाएं
वर्चुअली दिए गए दीक्षांत भाषण में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. रिगोबेर्टा मेंचु तुम ने स्नातकों से, भले ही वे अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ा रहे हों, उन लोगों के लिए कुछ करने का आग्रह किया, जिनके पास उनसे कम सुविधाएं हैं।
विशिष्ट अतिथि ब्रिटिश संसद सदस्य जॉन डेसमंड फोर्ब्स एंडरसन (लॉर्ड वेवरली) ने कहा कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति है और यूके के साथ बहुत कुछ साझा करता है। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते सहित दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों के विस्तार की वकालत की।
इन्हें मिली मानद डिग्री
इस अवसर पर, केआईआईटी ने छह प्रतिष्ठित व्यक्तियों - नॉर्वे सांसद हिमांशु गुलाटी; डब्ल्यूएफपी इंडिया के प्रतिनिधि और देश निदेशक बिशो परजुली; जर्मनी के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार एंड्रियास जान; पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेता, और भारत की पैरालंपिक समिति अध्यक्ष दीपा मलिक; एएफसीओएनएस इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यकारी उपाध्यक्ष के सुब्रमण्यम; एसएन मोहंती समूह के प्रबंध निदेशक प्रबोध मोहंती - को मानद कोसा डी लिट डिग्री प्रदान की गई।
विद्यार्थियों को बधाई
दीक्षांत समारोह में 8,123 विद्यार्थियों ने डिग्री प्राप्त की। इनमें 6,330 बैचलर्स, 1627 मास्टर्स, 163 पीएचडी और 3 एमफिल डिग्री शामिल हैं।
प्रो. अच्युत सामंत ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 2022 के बैच को उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
अपने संदेश में प्रो. सामंत ने कहा कि विश्वविद्यालय इस कठिन समय में विद्यार्थियों के साथ खड़ा रहा, अकादमिक उत्कृष्टता के लिए उनकी खोज में हर तरह से उनका सहयोग किया।
भारत के विकास में योगदान
अपने अध्यक्षीय भाषण में, केआईआईटी के चांसलर अशोक कुमार पारिजा ने कहा, ‘केआईआईटी अपने विद्यार्थियों को सशक्त बनाकर, राष्ट्र का निर्माण करने वाले पूर्व विद्यार्थी तैयार करके और देश के लाखों विद्यार्थियों की प्रगति में सहयोग करके भारत के विकास में योगदान दे रहा है।’
प्रो-चांसलर प्रो. (डॉ.) एसके आचार्य और वाइस चांसलर प्रो. सस्मिता सामंत ने भी समारोह को संबोधित किया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक
इस असर पर 71 विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किए गए। तीन विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट सर्वांगीण और अकादमिक प्रदर्शन के लिए संस्थापक के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, जबकि 34 विद्यार्थियों को चांसलर के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसी तरह 30 विद्यार्थियों को वाइस चांसलर के रजत पदक से सम्मानित किया गया।
समारोह में ननीबाला मेमोरियल गोल्ड मेडल, श्रीकृष्ण चंद्र पांडा मेमोरियल गोल्ड मेडल, पीके बल मेमोरियल गोल्ड मेडल और पीपीएल गोल्ड मेडल भी प्रदान किए गए। रजिस्ट्रार प्रो. जेआर मोहंती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।