कर्नाटक में भारी बारिश से राजमार्ग पर ‘जल-राज’
कई वाहन और मकान जलमग्न, रास्ते बने दरिया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद प्रकृति का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है। खासकर रामनगर जिले में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां नवनिर्मित बेंगलूरु-मैसूरु राजमार्ग के कई हिस्सों में पानी भर गया है, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
एक वीडियो में देखा गया कि तेज रफ्तार से बहते पानी में एक कार फंस गई है, जो अपना संतुलन खोकर एक तरफ झुक रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने भारी बारिश के बीच कई वाहनों को बहते देखा है। इसी तरह एक अन्य वीडियो में कई मकान, बस और वाहन जलमग्न दिखाई दे रहे हैं।लोगों के लिए यह सलाह
हालात के मद्देनजर रामनगर पुलिस ने लोगों के लिए सलाह जारी की है कि वे बेंगलूरु-मैसूरु राजमार्ग के इस हिस्से से न जाएं। इसके बजाय कनकपुरा या कुनिगल के रास्ते जाएं।
सलाह में कहा गया है कि भारी बारिश के कारण जिले की कई झीलें उफान पर हैं। नतीजतन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ आ गई है।
बताया गया कि झील की दीवारों पर मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा। क्षेत्र में यातायात के दबाव और सुरक्षा को देखते हुए लोगों को नियमित बेंगलूरु-मैसूरु राजमार्ग से नहीं जाने की सलाह दी गई है।
ऐसे बदला मौसम का मिजाज
क्षेत्र में भारी बारिश से स्थिति बिगड़ती ही गई। शनिवार सुबह मौसम विज्ञान विभाग के बुलेटिन में बताया गया था कि पिछले 24 घंटों में रामनगर में 132 मिमी बारिश हुई थी। इससे बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया।
रविवार को भी कोई राहत नज़र आई, जिसके बाद धारवाड़, गडग, हावेरी और कलबुर्गी - और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के आठ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया।
भारी बारिश में फंसने के बाद कई लोगों ने तो अपने वाहन बीच में ही छोड़कर सुरक्षित जगह पर पनाह ली।
इनका कहना है
रामनगर जिले के अतिरिक्त उपायुक्त जावरे गौड़ा टी ने मीडिया को बताया कि बाढ़ से दो स्थानीय लोगों की मौत हो गई और लगभग 2,000 लोगों ने जिले में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है।
उन्होंने बताया कि चन्नापटना में लिफ्ट सिंचाई के कारण मानसून से पहले ही झीलें भर चुकी थीं। गर्मियों की अवधि भी बहुत कम थी और हर कुछ हफ्तों में बारिश हो रही थी, इसलिए जब बारिश हुई, तो झीलें बहुत जल्दी बहने लगीं।
अधिकारी ने बताया कि बेंगलूरु-मैसूरु राजमार्ग के वंडरला मनोरंजन पार्क के पास कुछ अंडरपास अभी निर्माणाधीन हैं। इससे पानी का बहाव बाधित हुआ और बाढ़ आई।
इन्होंने उठाए सवाल
वहीं, स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर राजमार्ग के निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के पास बेहतर डिजाइन और योजना होती तो बाढ़ को पूरी तरह से टाला जा सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह राजमार्ग इंजीनियरिंग विफलता और बाढ़ मानव निर्मित आपदा है। अगर डिजाइन को अच्छी तरह से सोचा जाता तो इससे बचा जा सकता था। अधिकारी ग़लत क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं और दोष जलवायु परिवर्तन पर डालकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
अब आगे क्या?
रामनगर जिले में पिछले 24 घंटों में 134 मिमी बारिश हुई है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश की घोषणा कर दी है।
पुलिस अधीक्षक के संतोष बाबू ने कहा है कि जिले में भारी बारिश के कारण कई झीलें भर गईं, ओवरफ्लो हो गईं। इससे राजमार्ग पर बाढ़ आई है।
उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि यात्रा करनी जरूरी हो तो मैसूरु मार्ग या बेंगलूरु-कुनिगल-मैसूरु मार्ग से करें।
यहां भी अलर्ट
रामनगर के अलावा बेंगलूरु शहरी, बेंगलूरु ग्रामीण, मैसूरु, मंड्या और कोलार जिलों में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।