उच्च न्यायालय में कर्नाटक सरकार ने कहा- नई आरक्षण सूची के अनुसार ही बीबीएमपी चुनाव
राज्य की ओर से महाधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अगले चुनाव तक किसी भी आपत्ति या कमी को ठीक किया जा सकता है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। राज्य सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर कहा है कि शहर के नगर निकाय बृहत् बेंगलूरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के चुनाव हाल ही में घोषित वार्ड-वार आरक्षण सूची के अनुसार ही हो सकते हैं।
राज्य की ओर से महाधिवक्ता द्वारा कहा गया कि अगले चुनाव तक किसी भी आपत्ति या कमी को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अब नए नगरसेवकों को चुनने की तत्काल आवश्यकता है।महाधिवक्ता ने याचिकाओं के एक समूह में आरोपों का भी खंडन किया कि आरक्षण सूची राजनीति से प्रेरित थी।
चुनाव आयोग के वकील भी याचिकाओं के खिलाफ दलीलों में शामिल हुए। सुनवाई 13 सितंबर के लिए स्थगित कर दी गई है।
महाधिवक्ता ने बीबीएमपी के नए 243 वार्डों के लिए परिसीमन प्रक्रिया का बचाव किया। अदालत को बताया गया कि प्रत्येक वार्ड की औसत जनसंख्या 34,750 पर बनी हुई है, जिसमें दोनों तरफ 10 प्रतिशत का विचलन है।
मल्लेश्वरम और गांधीनगर विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों और जनसंख्या की पूर्व स्थिति को बनाए रखा गया है।
पांच विधानसभा क्षेत्रों - चिकपेट, राजाजीनगर, शांति नगर, पुलिकेशी नगर और हेब्बल में - आबादी को उन्हीं मौजूदा वार्डों में पुनर्वितरित किया गया है।