ज्ञानवापी मामला: कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग खारिज, 17 तक सर्वे पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से एक अधिवक्ता ने अदालत के अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को बदलने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था
वाराणसी/भाषा। वाराणसी की एक जिला अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वेक्षण करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से एक अधिवक्ता ने अदालत के अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को बदलने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहे हैं।
हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौर ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद संवाददाताओं को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में 'बैरिकेडिंग के अंदर' स्थित दो तहखाने खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी कराने और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला बृहस्पतिवार 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रखा।
इस बीच, मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि मस्जिद का ताला खुलवाकर अंदर की वीडियोग्राफी कराने सम्बन्धी याचिका पर अदालत में करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। इस याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगी हुई है और हिन्दू पक्ष जिन दो तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है, वे मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं।
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था।
छह मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी।