'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए समाज में मंथन ज़रूरी: कागेरी
कागेरी ने कहा, बार-बार चुनाव होते रहते हैं, तो आदर्श आचार संहिता के कारण विकास संबंधी गतिविधियां बाधित होती हैं
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने मंगलवार को समाज में व्यापक बहस करके 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' मुद्दे के पक्ष में जनमत जुटाने के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय विकास वेदिके द्वारा यहां आयोजित राउंड टेबल बैठक में अपने मुख्य भाषण में कागेरी ने कहा कि समाज में जमीनी स्तर पर एक जीवंत बहस होनी चाहिए, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आम सहमति बन सके।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, 'यह उचित समय है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव के मुद्दे पर समाज के सभी वर्गों में एक बड़ा मंथन किया जाए।'
कागेरी ने कहा, बार-बार चुनाव होते रहते हैं, तो आदर्श आचार संहिता के कारण विकास संबंधी गतिविधियां बाधित होती हैं। 'राष्ट्र हमेशा के लिए चुनाव मोड में रहने का जोखिम नहीं उठा सकता है। समय की मांग है कि एक बार में चुनाव हों, फिर विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।'
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र से संबंधित मामलों पर अपने विचार व्यक्त करने में समाज को कमजोर या असहाय नहीं होना चाहिए; और इसलिए यह देखने के लिए बहुत मंथन होना चाहिए कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की ओर बढ़ा जाए।
कागेरी ने कहा कि इस तरह की राउंड टेबल बैठक हर जिले और हर तालुक में, हर कॉलेज और हर शैक्षणिक संस्थान में, राय बनाने वालों और बुद्धिजीवियों के बीच होनी चाहिए। समाज को अपनी आंतरिक शक्ति नहीं खोनी चाहिए।
इस अवसर पर कर्नाटक विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होराट्टी, उच्च सदन के पूर्व अध्यक्ष बीएल शंकर, पूर्व महाधिवक्ता अशोक हरनहल्ली, शिक्षाविद प्रो. एमआर दोरेस्वामी, वरिष्ठ पत्रकार रवींद्रभट ने भी विचार व्यक्त किए।
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