भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया के बड़े देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं: मोदी

भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया के बड़े देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं: मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमत में काफी कमी की गई है


कोलकाता/​दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के राष्ट्रीय संकल्पों को मजबूत करते हुए आज हमने एक और कदम बढ़ाया है। चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का यह दूसरा कैंपस पश्चिम बंगाल के अनेक नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही देश ने एक और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार किया है। साल की शुरुआत देश ने 15-18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण से की थी। आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में भारत 150 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संपूर्ण पात्र आबादी में से, भारत की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी को कम से कम एक खुराक मिली है। केवल 5 दिनों में 15-18 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक बच्चों को एक खुराक दी गई है। 150 करोड़ वैक्सीन डोज वो भी एक साल से कम समय में, ये आंकड़ों के हिसाब से बहुत बड़ी संख्या है। दुनिया के अधिकतर देशों के लिए ये आश्चर्य से कम नहीं। भारत के लिए यह नई इच्छा शक्ति का प्रतीक है, जो असंभव को संभव करने के लिए कुछ भी कर गुजरने का हौसला रखती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी हैं। बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमत में काफी कमी की गई है। पश्चिम बंगाल सहित देशभर में जो 8,000 से अधिक जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं, उनमें बहुत सस्ते दाम पर दवाइयां और सर्जिकल सामान दिए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 500 से अधिक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित किया है, और यह गरीबों और जरूरतमंदों के 3,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत करने में मदद कर रही है। सरकार ने घुटने के प्रत्यारोपण की लागत भी कम कर दी है, और इससे हमारे वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से लाभ हुआ है। इससे नागरिकों को मदद करते हुए 1,500 करोड़ रुपए की वार्षिक कटौती में मदद मिली है। पीएम नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम ने 12 लाख गरीबों को मुफ्त डायलिसिस से मदद की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज सस्ता और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रहा है। पीएम-जेएवाई के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अनुमान है कि आयुष्मान भारत के बिना गरीबों और जरूरतमंदों को एक ही इलाज पर लगभग 50,000-60,000 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते! कीमोथेरेपी से लेकर रेडियोथेरेपी और सर्जरी तक, मरीजों को सभी लाभ मुफ्त मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90,000 के आसपास थी। पिछले 7 सालों में इनमें 60,000 नई सीटें जोड़ी गई हैं। साल 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे। आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है।

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