अब उप्र में भेदभाव नहीं, सबका भला होता है: मोदी

अब उप्र में भेदभाव नहीं, सबका भला होता है: मोदी

प्रधानमंत्री ने उप्र के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया


शाहजहांपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 36,200 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संयोग से कल ही प. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह का बलिदान दिवस भी है। अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने वाले शाहजहांपुर के इन तीनों सपूतों को 19 दिसंबर को फांसी दी गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले ऐसे वीरों का हम पर बहुत बड़ा कर्ज है। मां गंगा सारे मंगलों की, सारी उन्नति प्रगति की स्रोत हैं। मां गंगा सारे सुख देती हैं, और सारी पीड़ा हर लेती हैं। ऐसे ही गंगा एक्सप्रेसवे भी उप्र की प्रगति के नए द्वार खोलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शाहजहांपुर में ऐसा ही पुण्य और ऐतिहासिक अवसर है। आज उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे यानी गंगा एक्सप्रेसवे पर काम शुरू हो रहा है। करीब 600 किमी के इस एक्सप्रेसवे पर करीब 36,000 करोड़ रु से अधिक खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये जो आज उप्र में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, जो नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं, नए रेलवे रूट बन रहे हैं, वो उप्र के लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं।

पहला वरदान- लोगों के समय की बचत। दूसरा वरदान- लोगों की सहूलियत में बढ़ोतरी, सुविधा में बढ़ोतरी। तीसरा वरदान- उप्र  के संसाधनों का सही उपयोग। चौथा वरदान- उप्र के सामर्थ्य में वृद्धि। पांचवां वरदान- उप्र में चौतरफा समृद्धि।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र को चलाने के लिए जिस दमखम की जरूरत है, जिस दमदार काम की जरूरत है, वो आज डबल इंजन की सरकार करके दिखा रही है। वो दिन दूर नहीं जब उप्र की पहचान अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचा वाले सबसे आधुनिक राज्य के रूप में होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उप्र में आज जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, वह ये दिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग कैसे किया जाता है। पहले जनता के पैसे का क्या-क्या इस्तेमाल हुआ है ये आप लोगों ने भली-भांति देखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले ऐसी परियोजनाएं कागज पर इसलिए शुरू होती थीं, ताकि वो लोग अपनी तिजोरी भर सकें। आज ऐसी परियोजनाओं पर इसलिए काम हो रहा है, ताकि उप्र के लोगों का पैसा बचे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार में उप्र का बढ़ता हुआ सामर्थ्य हम सभी देख रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो या फिर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे, कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो,या फिर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के महत्वपूर्ण फेज जैसे अनेक प्रोजेक्ट जनसेवा के लिए समर्पित हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पूरा उप्र एक साथ बढ़ता है तो देश आगे बढ़ता है। इसलिए डबल इंजन की सरकार का फोकस उप्र के विकास पर है। 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र के साथ हम उप्र के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कार्गो कंटेनर वाराणसी के ड्राई पोर्ट के माध्यम सीधे हल्दिया पोर्ट तक भेजे जा सकेंगे। यानी गंगा एक्सप्रेसवे से उपज पैदा करने वालों को, उद्योगों को, उत्पादन में लगे सभी छोटे कारोबारियों को, मेहनतकश नागरिकों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने न सिर्फ उप्र में करीब 80 लाख मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए, बल्कि हर जिले को पहले से कई गुना ज्यादा बिजली दी जा रही है। पुराने दिनों को, पुराने काम-काज को याद कीजिए, आपको साफ-साफ नजर आएगा, कि अब उप्र में भेदभाव नहीं, सबका भला होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले राज्य के कुछ इलाकों को छोड़कर, दूसरे शहरों, गांवों-देहातों में बिजली ढूंढने से नहीं मिलती थी। हमारी सरकार दिन-रात गरीबों के लिए काम करती है। हमारी सरकार ने उप्र में 30 लाख से ज्यादा गरीबों को पक्के घर बनाकर दिए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब खुद का पक्का घर बनता है, तो सम्मान से जीने का मन करता है, माथा ऊंचा होता है, सीना चौड़ा होता है, गरीब को भी देश के लिए कुछ करने की इच्छा होती है। यहां शाहजहांपुर में भी 50 हजार लोगों को पीएम आवास योजना के तहत पक्के घर मिले हैं, उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा हुआ है।

जिन लोगों को अभी पक्के घर नहीं मिले हैं, उनके घर जल्दी से जल्दी मिलें, उसके लिए मोदी और योगी दिन रात काम करते हैं और करते रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल में हमारी सरकार ने गरीबों के पक्के घर बनाने के लिए 2 लाख करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। ये खजाना आपका है, आपके लिए है, आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार आज गरीब का दर्द समझने वाली, गरीब के लिए काम करने वाली सरकार बनी है। पहली बार घर, सड़क, शौचालय, बिजली, पानी, गैस कनेक्शन ऐसी बुनियादी सुविधाओं को इतनी प्राथमिकता दी जा रही है। विकास के ऐसे ही कामों से गरीब, पिछड़ों का जीवन बदलता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भी समाज में पीछे है, पिछड़ा हुआ है, उसे सशक्त करना, विकास का लाभ उस तक पहुंचाना, हमारी सरकार की प्राथमिकता है। यही भावना हमारी कृषि नीति में, किसानों से जुड़ी नीति में भी दिखती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में बीज से बाजार तक की जो भी व्यवस्था हमने बनाई है, इसमें देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम भूमि है। पीएम किसान सम्मान निधि का सबसे अधिक लाभ छोटे किसानों को हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में हमने गन्ना किसानों की दशकों पुरानी समस्याओं को ईमानदारी से दूर करने के लिए नए विकल्प खोजने का प्रयास किया है। आज गन्ने के लाभकारी मूल्य के मामले में भी यूपी देश में अग्रणी राज्यों में है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कुछ राजनीतिक दल ऐसे रहे हैं जिन्हें देश की विरासत से भी दिक्कत है और देश के विकास से भी। देश की विरासत से दिक्कत क्योंकि इन्हें अपने वोटबैंक की चिंता ज्यादा सताती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास से दिक्कत क्योंकि गरीब की, सामान्य मानव की इन पर निर्भरता दिनों-दिन कम हो रही है। इन लोगों का काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बनने से दिक्कत है, इन्हें अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से दिक्कत है।

यही लोग हैं जो आतंक के आकाओं के खिलाफ सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं। यही लोग हैं जो भारतीय वैज्ञानिकों की बनाई मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को कठघरे में खड़ा कर देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश बहुत बड़ा और बहुत महान है। सरकारें पहले भी आती-जाती रही हैं, देश के विकास और सामर्थ्य का उत्सव हम सभी को खुले मन से मनाना चाहिए। सरकार जब सही नीयत के साथ काम करती है, तो क्या परिणाम आते हैं, ये बीते चार—पांच सालों में उप्र ने अनुभव किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में यहां सरकार बनने से पहले, पश्चिम उप्र में कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति थी, इससे आप भलीभांति परिचित हैं। पहले यहां क्या कहते थे?
दिया बरे तो घर लौट आओ! क्योंकि सूरज डूबता था, तो कट्टा लहराने वाले सड़कों पर आ धमकते थे।

बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे, उनका स्कूल कॉलेज जाना तक मुश्किल कर दिया था। कब कहां दंगा और आगजनी हो जाए, कोई नहीं कह सकता था। लेकिन बीते साढ़े चार साल में योगीजी की सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बहुत परिश्रम किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब उस माफिया पर बुल्डोजर चलता है, बुल्डोजर तो गैर-कानूनी इमारत पर चलता है, लेकिन दर्द उसे पालने-पोसने वाले को होता है। इसीलिए आज उप्र की जनता कह रही है'यूपी+योगी' बहुत है उपयोगी।

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