अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद कश्मीर में शांति: शाह
नॉर्थ ईस्ट में पिछले ढाई साल में करीब 4,000 उग्रवादियों ने समर्पण किया है, देश का बहुत बड़ा क्षेत्र उग्रवाद की चपेट से बाहर आया है
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे सीमापार आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया है। सशस्त्र बलों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के 'घर में घुसकर मारा गया।' अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद से कश्मीर में शांति है, वहां व्यवसाय के लिए अच्छा निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं।
शाह ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि कोरोना महामारी आने के करीब 7 साल पहले ही देश में एक परिवर्तन हुआ। साल 2014 के बाद देश को एक राजनीतिक स्थिरता मिली। लंबे समय तक देश में गठबंधन सरकारों का दौर रहा था। इसके दुष्परिणाम देश के प्रशासन, अर्थतंत्र और देश के भविष्य पर पड़े। साल 2014 के 10 साल पहले तक देश में बहुत सारे घपले, घोटाले हुए। इससे दुनिया में देश का सम्मान कम हुआशाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ढेर सारे मामलों को बहुत धैर्य के साथ और दूरदर्शी तरीके से अपने हाथ में लिया। उनके आने के बाद गरीबों को भी देश के विकास में भागीदार बनाने का काम हुआ।
शाह ने कहा कि करीब 43 करोड़ जन-धन खाते खोलकर सभी परिवारों को अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया। पहले की सरकारों में योजनाएं बनती थीं कि इस बार 10 हजार घरों में शौचालय बनाएंगे। अब योजना बनती है कि सभी घरों में शौचालय बनाएंगे।
शाह ने कहा कि पहले योजना बनती थी कि इस बार 20 लाख लोगों के घर में गैस का सिलेंडर पहुंचाएंगे। अब योजना बनती है कि सभी घरों में गैस का सिलेंडर पहुंचाएंगे। पहले योजना बनती थी कि इतने घरों में बिजली पहुंचाएंगे, अब योजना बनती है कि देश के सभी घरों में बिजली पहुंचाएंगे।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार के आने बाद हमारी रक्षा नीति, विदेश नीति के साये से बाहर आई। हमारी सीमाओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अगर आप शांति से रहना चाहते हैं, तो हमारे साथ भी शांति से व्यवहार रखना होगा। यह स्पष्ट संदेश पूरी दुनिया में गया।
शाह ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में पिछले ढाई साल में करीब 4,000 उग्रवादियों ने समर्पण किया है। देश का बहुत बड़ा क्षेत्र उग्रवाद की चपेट से बाहर आया है। पिछले 7 वर्षों में सबसे कम नकस्लवादी हिंसा देश में हुई है और ये लगातार कम हो रही है।
शाह ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई सरकारों के साथ-साथ 130 करोड़ की जनता ने भी लड़ी। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी जनता को इस लड़ाई में स्व-अनुशासन के साथ एकजुट किया।
शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बाद पहली बार जनता ने किसी प्रधानमंत्री की बातों को इतना सम्मान दिया है। मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पिछले दो साल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसलिए कोरोना के बाद हम पर वैश्विक मंदी का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। भारत के अर्थतंत्र को उभरने में उतना समय नहीं लगा, जितना दुनिया के अन्य देशों को लगा।
शाह ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें देश में कई वर्षों तक रही, समाजवादी विचारधारा के लोगों की सरकारें भी कई जगह रहीं, कम्युनिस्टों की सरकारें कई जगह रहीं। एनडीए की सरकारें भी कई राज्यों और केंद्र में रही हैं।
शाह ने कहा कि देश के विशेषज्ञों के मेरा निवेदन है कि आंकड़ों का एक तुलनात्मक अध्ययन कर देश की जनता के सामने रखें कि किस सरकार के आने पर देश में ज्यादा विकास होता है।
शाह ने कहा कि गठबंधनों से वोटों के गणित का आकलन करना उचित नहीं है। पहले सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद कहा जाता था कि अब क्या होगा, उसके बाद जब तीनों पार्टियां एक साथ हुईं तब भी ऐसे सवाल किए जाते थे। लेकिन दोनों बार भाजपा जीती है। जनता अब जागरूक है।
शाह ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में हम प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए बहुत बड़ा दिल दिखाकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। पंजाब में चुनाव विकास के आधार पर होगा। जिसका अच्छा प्रदर्शन होगा, उसकी सरकार बनेगी।
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिस प्रकार का विकास इस समय हो रहा है, जिस प्रकार की कानून व्यवस्था वहां अब बनी है, इससे वहां पर्यटन भी बढ़ा है। जन कल्याण की योजनाओं का लाभ वहां के लोगों तक पहुंचाने में जम्मू-कश्मीर आज अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
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