सिंघु बार्डर पर व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, हाथ काटा गया

सिंघु बार्डर पर व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, हाथ काटा गया

वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है ...


सिंघु बॉर्डर/चंडीगढ़/भाषा। दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर को भी धातु के तार से बांध दिया गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी के लिए सजा दी गयी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।

वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था।

पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरण तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक है।

किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है। सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है।’ उन्होंने बताया कि मृतक के शरीर पर केवल पतलून थी।

पुलिस महानिरीक्षक, रोहतक रेंज, संदीप खिरवार ने फोन पर बताया, ‘हमने एक मामला दर्ज किया है और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में प्रदर्शन स्थल के पास लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की है। शुरुआत में कुछ लोगों ने इलाके में पुलिस के प्रवेश का विरोध किया और पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।

वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था।

उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं। निहंग सिख संप्रदाय के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलावर लिए होते हैं।

पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर सोनीपत के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल भेजा गया है।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि सोनीपत पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचते ही व्यक्ति की मौत हो गई। प्रवक्ता ने बताया, ‘कुछ लोग वहां पर खड़े थे। जब पुलिस ने शव वहां से निकालने की कोशिश की गई तो उन्होंने प्रदर्शन किया। हालांकि थोड़ी कोशिश के बाद शव को सिविल अस्पताल लाया गया।’

एसकेएम ने एक बयान जारी कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि घटना में शामिल दोनों पक्षों, निहंगों के समूह और मृतक का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। एसकेएम ने कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है।

एसकेएम ने कहा कि वह किसी भी धर्म के ग्रंथ या प्रतीक के अपमान के खिलाफ है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। किसान निकाय ने कहा, ‘मौके पर मौजूद निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है और कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि मृतक ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।’

एसकेएम ने मांग की कि हत्या और बेअदबी के पीछे की साजिश की जांच के बाद दोषियों को कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए। संगठन ने कहा, ‘हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।’

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन बिंदुओ- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

सिंघु बॉर्डर/चंडीगढ़/भाषा। दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर को भी धातु के तार से बांध दिया गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी के लिए सजा दी गयी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।

वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था।

पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरण तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक है।

किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है। सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘कुंडली पुलिस थाने को सुबह पांच बजे सूचना मिली कि किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास एक शव मिला है।’ उन्होंने बताया कि मृतक के शरीर पर केवल पतलून थी।

पुलिस महानिरीक्षक, रोहतक रेंज, संदीप खिरवार ने फोन पर बताया, ‘हमने एक मामला दर्ज किया है और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के संबंध में प्रदर्शन स्थल के पास लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की है। शुरुआत में कुछ लोगों ने इलाके में पुलिस के प्रवेश का विरोध किया और पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।

वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था।

उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं। निहंग सिख संप्रदाय के हैं और अपने नीले परिधान के लिए जाने जाते हैं और अकसर तलावर लिए होते हैं।

पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर सोनीपत के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल भेजा गया है।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि सोनीपत पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचते ही व्यक्ति की मौत हो गई। प्रवक्ता ने बताया, ‘कुछ लोग वहां पर खड़े थे। जब पुलिस ने शव वहां से निकालने की कोशिश की गई तो उन्होंने प्रदर्शन किया। हालांकि थोड़ी कोशिश के बाद शव को सिविल अस्पताल लाया गया।’

एसकेएम ने एक बयान जारी कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि घटना में शामिल दोनों पक्षों, निहंगों के समूह और मृतक का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। एसकेएम ने कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है।

एसकेएम ने कहा कि वह किसी भी धर्म के ग्रंथ या प्रतीक के अपमान के खिलाफ है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। किसान निकाय ने कहा, ‘मौके पर मौजूद निहंग समूह ने घटना की जिम्मेदारी ली है और कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि मृतक ने सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी।’

एसकेएम ने मांग की कि हत्या और बेअदबी के पीछे की साजिश की जांच के बाद दोषियों को कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए। संगठन ने कहा, ‘हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।’

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन बिंदुओ- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

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