श्रीदेवी को पत्नी मानने वाला शोकाकुल, खाना पीना छोड़ा

श्रीदेवी को पत्नी मानने वाला शोकाकुल, खाना पीना छोड़ा

श्योपुर (मप्र.)। बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री श्रीदेवी के लाखों प्रशंसक हैं लेकिन मध्यप्रदेश के श्योपुर के रहने वाले ओमप्रकाश मेहरा की कहानी सबसे अलग है। ओमप्रकाश ने अपने स्कूल के दिनों में श्रीदेवी की पहली फिल्म देखी और उसके बाद श्रीदेवी को दिल दे बैठे। यहां तक कि उन्होंने मन से श्रीदेवी को अपनी पत्नी मान लिया। श्रीदेवी के प्रति उनके इकतरफा प्रेम का समर्पण ऐसा था कि उन्हें पत्नी मानने के बाद खुद ने और किसी से शादी तक नहीं की। हालांकि इससे भी हैरान करने वाली बात यह है कि जिस श्रीदेवी को ओमप्रकाश अपनी पत्नी मानते तो थे उससे अपने जीवन में कभी भी उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। वर्ष १९८९ में जब वह हाइयर सेकेंडरी में पढते थे तब से ही उन्होंने श्रीदेवी को अपना पत्नी मान लिया था।ओमप्रकाश नियमित रुप से श्रीदेवी को पत्र भी लिखा करते थे। श्रीदेवी के प्रति उनकी दीवानगी का आलम ऐसा था कि उन्होंने श्रीदेवी को ३००० चिट्ठियां लिख डाली। वह हमेशा अपनी चिट्ठियों में श्रीदेवी से एक बार मुलाकात करने की गुजारिश करते थे। आखिरकार वह समय भी आया जब श्रीदेवी ने ओमप्रकाश को मिलने के लिए मुंबई बुलाया लेकिन किसी कारणवश वह उनसे मिलने नहीं जा सके। हालांकि उन्होंने मन से श्रीदेवी को अपनी पत्नी मान लिया। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, वर्ष २००२ में उन्होंने मतदाता सूची में अपनी पत्नी के नाम पर श्रीदेवी का नाम दर्ज करवा दिया। जब हाल ही में ओमप्रकाश को श्रीदेवी के असामायिक निधन की जानकारी मिली तो वह शोक में डूब गए। जिस अभिनेत्री को वह मन से अपनी पत्नी मानते थे उसके असामायिक निधन पर ओमप्रकाश को इतना दु:ख पहुंचा कि उन्होंने खाना-पीना तक छो़ड दिया। गत रविवार को ददुनि गांव के स्कूल परिसर में उन्होंने ग्राम सभा में श्रद्धांजलि सभा रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर अपने सिर के बाल भी मुंडवा लिए।ओमप्रकाश के गांव के रहने वाले उनके दोस्तों का कहना है कि ओमप्रकाश अक्सर यह कहा करते थे कि वह सात जन्मों तक श्रीेदेवी से शादी करने का इंतजार करेंगे। उनके ग्रामीणों का कहना है कि ओमप्रकाश ने अपनी मां के निधन होने के बावजूद भी अपना सिर नहीं मुंडवाया था लेकिन श्रीदेवी के निधन के बाद उसने अपना सिर मंुंडवा लिया। ओमप्रकाश के गांव के पूर्व सरपंच कुंजबिहारी जाट ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि वर्ष २००२ में जब ओमप्रकाश ने मतदाता सूची में अपनी पत्नी के नाम के स्थान पर श्रीदेवी का नाम दर्ज करवाया तो उन्हें लगा कि शायद गलती से ऐसा हो गया है लेकिन जब इसके बारे में ओमप्रकाश से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि चूंकि उन्होंने श्रीदेवी को मन से अपनी पत्नी मान लिया है इसलिए उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया है।

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