लॉकडाउन का असर: गंगा नदी के पानी की स्वच्छता में आया बड़ा सुधार
लॉकडाउन का असर: गंगा नदी के पानी की स्वच्छता में आया बड़ा सुधार
नई दिल्ली/भाषा। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन (बंद) के बाद से गंगा नदी की स्वच्छता में बड़ा सुधार देखा गया है क्योंकि इसमें औद्योगिक इकाइयों का कचरा गिरने में कमी आई है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। भारत में कोरोना वायरस के कारण तीन हफ्तों का बंद है। लॉकडाउन की वजह से 24 मार्च से ही देश की 1.3 अरब आबादी घरों में ही सिमटी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, ज्यादातर निगरानी केद्रों में गंगा नदी के पानी को नहाने लायक पाया गया है। सीपीसीबी के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिंदुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिंदुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने और वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई।इससे पहले, उत्तराखंड और नदी के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के कुछ स्थानों को छोड़कर नदी का पानी बंगाल की खाड़ी में गिरने तक पूरे रास्ते नहाने के लिए अनुपयुक्त पाया गया था। विशेषज्ञों ने कहा कि खासतौर से औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास बंद लागू होने से गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
पर्यावरणविद् मनोज मिश्रा ने कहा कि सीपीसीबी के लिए उद्योगों से हो रहे प्रदूषण के स्तर का अध्ययन करने का यह बहुत सही समय है। पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया है। तोंगड ने कहा कि औद्योगिक शहर कानपुर में गंगा के आसपास काफी सुधार देखा गया है जहां से बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा निकलता है और इसे नदियों में फेंका जाता है।
उन्होंने कहा, गंगा की सहायक नदियों जैसे कि हिंडन और यमुना में भी पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। उन्होंने बताया कि इस बंद की अवधि के आने वाले दिनों में गंगा के पानी की गुणवत्ता में और सुधार होने की संभावना है। पर्यावरणविद् और साउथ एशिया नेटवर्क ऑफ डैम्स, रिवर्स, पीपुल्स (एसएएनडीआरपी) के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा कि मथुरा के आसपास गंगा में भी सुधार देखा गया है।
उन्होंने कहा, नदी में अब भी जैविक प्रदूषण है लेकिन उद्योगों के रासायनिक प्रदूषण ने नदी के खुद से साफ करने वाले तत्वों को नष्ट कर दिया। खुद से साफ करने के तत्वों में सुधार के कारण पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हालांकि, गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।