
मोदी ने मामल्लपुरम में महासागर के साथ अपने ‘संवाद’ को कविता की माला में पिरोया
मोदी ने मामल्लपुरम में महासागर के साथ अपने ‘संवाद’ को कविता की माला में पिरोया
नई दिल्ली/भाषा। मामल्लपुरम समुद्र तट पर सूर्य की तरोताजा करने वाली किरणों, सागर की सरसराती लहरों और सुबह के शांत वातावरण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विचारों को कविता की माला में पिरोने के लिए प्रेरित किया।
मोदी ने कहा कि समुद्र तट पर सैर करते हुए वह सागर के साथ ‘संवाद’ में खो गए। उन्होंने रविवार को हिंदी में टि्वटर पर लिखा, ये संवाद मेरा भाव-विश्व है। इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं।
कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया।
ये संवाद मेरा भाव-विश्व है।
इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं- pic.twitter.com/JKjCAcClws
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2019
मोदी ने शनिवार को समुद्र तट पर ‘प्लॉगिंग’ (सुबह की सैर के दौरान प्लास्टिक की बोतल आदि कचरों को चुनना) का अपना तीन मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें वह कूड़ा उठाते और लोगों से सार्वजनिक स्थानों को साफ एवं स्वच्छ रखने की अपील कर रहे हैं।
आठ पैराग्राफ में लिखी कविता में मोदी ने सागर के सूर्य से संबंध, लहरों और उनके दर्द को बताया है। उनका कविता संग्रह ‘एक यात्रा’ पहले ही उपलब्ध है।
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