स्टील फ्लाईओवर के लिए कुर्बान होंगे पेड
स्टील फ्लाईओवर के लिए कुर्बान होंगे पेड
बेंगलूरु। राज्य सरकार का स्टील फ्लाईओवर से प्रेम किसी से छुपा नहीं है। इससे पहले राज्य की सिद्दरामैया सरकार ने हेब्बाल स्टील फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई थी और बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) को हेब्बाल फ्लाईओवर के निर्माण के लिए काफी संख्या में पे़डों को काटने की मंजूरी दे दी गई थी और अब एक बार फिर से राज्य सरकार ने ऐसा ही कदम उठाया है जिससे पर्यावरण संरक्षण के सतत प्रयासशील लोगों की भृकुटियां तन सकती हैं। राज्य सरकार ने वर्ष २०११ मंें प्रस्तावित शिवानंदा स्टील फ्लाईओवर के निर्माण कार्य को आगे बढाने के लिए १९.८५ करो़ड रुपए की राशि जारी कर दी है।उल्लेखनीय है कि इस स्टील फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव चालुक्या सर्कल और हेब्बाल के बीच बनने वाले फ्लाईओवर से काफी पहले रखा गया था और अभी तक इस फ्लाईओवर के निर्माण से संबंधी फाइलें धूल खा रही थीं। राज्य सरकार की ओर से शिवानंदा फ्लाईओवर के लिए हालिया आवंटित राशि से इसकी कुल अनुमानित लागत का लगभग ३५.९ प्रतिशत हिस्सा पूरा हो जाएगा। इस फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका द्वारा यातायात व्यस्तता को कम करने के उद्देश्य से रखा गया था।बीबीएमपी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस परियोजना के लिए सरकार की ओर से न सिर्फ राशि आवंटित कर दी गई है बल्कि २६ पे़डों को काटने की अनुमति भी दी गई है। इस फ्लाईओवर के लिए बीबीएमपी के १,५००.३६ वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित कर लिया है। यह स्टील फ्लाइओवर या ग्रेड सेपरेटर एक चार लेन वाले पुल की तरह होगा जिसपर दोनों ओर से वाहनों के आने जाने की व्यवस्था होगी। यह प्रस्तावित फ्लाईओवर ३१० मीटर लंबा और १६ मीटर चौ़डा होगा। इसका उपयोग कर शहर के वाहन चालक रेस कोर्स रोड से हरेकृष्णा रोड की ओर जा सकेंगे तथा यह शेषाद्रीपुरम रेलवे अंडरब्रिज को भी जो़डने में मददगार होगा।सरकार की ओर से इस फ्लाईओवर के निर्माण की मंजूरी तो दे दी गई है लेकिन बीबीएमपी के कुछ अधिकारियों का कहना है कि इसके निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता है। फ्लाईओवर के किनारे सर्विस रोड बनाने के लिए भी जमीन की आवश्यकता होगी। ऐसे में इस सर्विस रोड को बनाने के लिए फुटपाथ का भी उपयोग किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शिवानंदा सर्कल शहर के केन्द्रीय व्यापारिक क्षेत्र में आता है जहां पर यातायात काफी व्यस्त होता है। शिवानंदा सर्कल शहर का एक ऐसा चौराहा है जो शहर के पूर्वी हिस्से को शहर के बीच के हिस्सों से जो़डने का कार्य करता है।यहां पर यातायात हमेशा व्यस्त रहता है और विशेषकर कारों की संख्या इस स़डक पर सबसे अधिक होती है। मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास कृष्णा भी शिवानंद सर्कल से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर कुमार कृपा रोड पर स्थित है। पालिके सूत्रों का कहना है कि ग्रेड सेपरेटर का निर्माण करना मौजूदा समय की मांग है क्योंकि इसका निर्माण करने के बाद यातायात व्यस्तता को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत ५० करो़ड रुपए है। इसमें से १९ करो़ड रुपए परियोजना के निर्माण कार्य के लिए एवं बाकी राशि परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहीत करने एवं अन्य खर्चों के लिए है।