लाहौर हवाईअड्डे पर तड़पता रहा भारतीय यात्री, लेकिन पाकिस्तान ने नहीं दी इलाज की अनुमति
लाहौर हवाईअड्डे पर तड़पता रहा भारतीय यात्री, लेकिन पाकिस्तान ने नहीं दी इलाज की अनुमति
नई दिल्ली। पाकिस्तान की फौज और आतंकी आए दिए बेकसूर भारतीयों का खून बहाते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भारत मानवता दिखाने से पीछे नहीं हटता। जब कभी कोई पाकिस्तानी बीमारी से जूझ रहा होता है और वह भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ट्विटर पर गुहार लगाता है तो उसे वीजा मिल ही जाता है। उसके बाद वह यहां इलाज कराता है और स्वस्थ होकर अपने मुल्क लौटता है।
आज जब एक भारतीय यात्री को पाकिस्तान में आपात चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने छोटे दिल का परिचय दिया और मदद देने से साफ मना कर दिया। करीब तीन घंटे तक वह यात्री ज़िंदगी और मौत से जूझता रहा। इस पूरे मामले को उसके सहयात्री ने सोशल मीडिया के जरिए उठाकर पाकिस्तान की पोल खोली है।पंजाब के जालंधर निवासी युवक ने फेसबुक पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बताया है कि पाकिस्तानियों ने उनके साथ कैसा अमानवीय व्यवहार किया। उन्होंने बताया, यह तुर्की एयरलाइंस का विमान था जो इस्तांबुल से दिल्ली आ रहा था। उस दौरान एक भारतीय यात्री अचानक बेहोश हो गया। इस वजह से पायलट ने लाहौर में एमरजेंसी लैंडिंग करवाई। विमान में बैठे यात्रियों को उम्मीद थी कि पाकिस्तान के अधिकारी इतनी मानवता तो जरूर दिखाएंगे कि कहीं से सामान्य चिकित्सा सुविधा मिल जाए, लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए इनकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार, जालंधर के पंकज मेहता और गुरुग्राम के विपिन तुर्की एयरलाइंस के विमान टीके 716 में सवार थे। विमान में करीब 70 यात्री थे। अचानक विपिन की तबीयत खराब हो गई। उन्हें खाना खाने के बाद घबराहट होने लगी थी। कुछ देर बाद वे बेहोश होकर गिर पड़े। विमान में एक डॉक्टर भी थे। उन्होंने विपिन के स्वास्थ्य की जांच की और जल्द किसी अस्पताल ले जाने के लिए कहा।
पायलट को जानकारी मिलने पर लाहौर में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और पाकिस्तानी अधिकारियों से चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध कराया गया, लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया। इमिग्रेशन ने विपिन को ले जाने की अनुमति नहीं दी। उसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया और मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद देश में लोगों ने मांग की है कि पाकिस्तानियों को चिकित्सा के लिए वीजा देना बंद किया जाए।