धर्म स्थलों की पवित्रता के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, काशी-मथुरा में शराब-मांस पर पाबंदी

धर्म स्थलों की पवित्रता के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, काशी-मथुरा में शराब-मांस पर पाबंदी

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

नई दिल्ली/लखनऊ/दक्षिण भारत। बाबा विश्वनाथ की नगरी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंदिरों व ऐतिहासिक धरोहरों के निकट मांस और शराब बेचने पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और इलाहाबाद के संगम क्षेत्र में एक किलोमीटर दूरी तक आने वाले क्षेत्र में शराब-मांस की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल में ही ऐलान किया था कि वाराणसी, वृंदावन, अयोध्या, चित्रकूट, देवबंद, देवा शरीफ, मिस्रिख-नैमिशारण्य में पूजा स्थलों के निकट शराब और मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। अब इसी दिशा में योगी सरकार कदम बढ़ाने की तैयारी कर चुकी है।

नगर निगम ने पारित किया प्रस्ताव
रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि वाराणसी नगर निगम दो दिन पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुका है, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि मंदिरों और धरोहर स्थलों की 250 मीटर की परिधि में शराब और मांसाहार पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए। बताया गया है कि मेयर मृदुला जायसवाल की अध्यक्षता में निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ। निगम के उपाध्यक्ष नरसिंह दास ने उक्त प्रतिबंधों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बैठक में पार्षद राजेश यादव ने यह प्रस्ताव पेश किया था।

वहीं, रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि ऐसा आदेश सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े स्थलों को लेकर ही लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि हर धर्म के महत्वपूर्ण स्थानों की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए नियम लागू होंगे। हालांकि इसके लिए स्थानीय नगर निगम या नगर पालिका द्वारा पारित प्रस्ताव सरकार के पास भिजवाना होगा।

तीन दिन से ज्यादा रुकी फाइल तो कार्रवाई
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की नौकरशाही को चुस्त करने के लिए सख्त आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी क्षेत्र में जाकर औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि अगर विभाग में कोई फाइल तीन दिन से ज्यादा रुकी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने बच्चों को अध्ययन सामग्री और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्कूलों में सोलर पैनल लगाने पर जोर दिया। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत लखनऊ और मथुरा में अक्षयपात्र को आधार से लिंक कराने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

वर्षों से एक ही जगह जमे, अब होंगे तबादले
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के हर कर्मचारी को महीने के पहले सप्ताह में वेतन मिलने और राज्य अध्यापक पुरस्कार की प्रक्रिया के मानक तैयार करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने बीएसए के उन कर्मचारियों के भी तबादले के निर्देश दिए जो कई वर्षों से एक ही जगह नौकरी कर रहे हैं।

क्षेत्र में जाएं अधिकारी
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र में जाकर प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों से संवाद करें। साथ ही प्रधानाचार्यों को वर्ष में दो बार विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ बैठक करने और बीएसए को रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए शिक्षा सेवा आयोग के गठन की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानाचार्य का चयन लोक सेवा आयोग के अंतर्गत किया जाए।

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