झारखंड के इस गांव में पहली बार बोरिंग करने आया वाहन, लोगों में खुशी की लहर
झारखंड के इस गांव में पहली बार बोरिंग करने आया वाहन, लोगों में खुशी की लहर
लातेहार। झारखंड के लातेहार जिले के जागीर गांव में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई जब यहां बोरिंग करने के लिए मशीनयुक्त वाहन पहुंचा। नक्सल प्रभावित यह गांव अब तक विकास से वंचित था। इस गांव में देश की स्वतंत्रता से लेकर आज तक बोरिंग वाहन कभी नहीं आया। इससे ग्रामीणों को पानी लाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
जब वाहन गांव में दाखिल हुआ तो लोग इसे देखने के लिए इकट्ठे हो गए। अब गांव में तीन हैंडपंप लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को आसानी से पानी उपलब्ध होगा। जानकारी के अनुसार, बोरिंग कराने के लिए गांव के मुखिया ने बहुत प्रयास किए। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अब जागीर गांव के निवासी भी हैंडपंप से पानी निकाल सकेंगे।Latehar: Locals in Naxal-affected Jagir village express happiness as boring vehicle reaches village for 1st time since independence for boring of 3 handpumps; say,'vehicle couldn't reach here earlier due to poor road connectivity. Village head made it happen this time'.#Jharkhand pic.twitter.com/SZJ9jjr7mB
— ANI (@ANI) November 10, 2018
इस संबंध में गांव के मुखिया ने बताया कि यहां की सड़कें बहुत खराब होने के कारण आज तक बोरिंग वाहन प्रवेश नहीं कर पाया। यहां के लोगों को साफ पानी नहीं मिल पाता था। इस बार जेसीबी मशीन की मदद लेकर यहां का रास्ता ठीक किया गया। इसके बाद वाहन का यहां आना संभव हो पाया।
जागीर गांव जिस इलाके में स्थित है, वह विकास के मामले में बहुत पीछे है। इसके अलावा यहां नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है, जिससे यह इलाका विकास की दौड़ में पिछड़ता गया। लोगों को पानी जैसी मूलभूत जरूरत तक के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ती है। इस बार गांव के मुखिया ने काफी प्रयास किए और बोरिंग वाहन को यहां तक लाने में सफल हो गए। अब यहां तीन हैंडपंप लगाए जाएंगे जिससे गांव में पानी की समस्या काफी हद तक हल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जब हैंडपंप के लिए जमीन की खुदाई करते कर्मचारियों की तस्वीरें सोशल मीडिया में आईं तो लोगों ने खुशी जताई। हालांकि इस दौरान काफी लोगों ने सवाल भी उठाए। उनका कहना था कि राजनीतिक दलों ने इस गांव को इतने वर्षों तक प्रगति की रफ्तार से पीछे क्यों रखा और इसकी फिक्र क्यों नहीं की गई।
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