असम में कौन हैं वो 40 लाख लोग जिन पर छाया भारत से निकाले जाने का खतरा?
असम में कौन हैं वो 40 लाख लोग जिन पर छाया भारत से निकाले जाने का खतरा?
दिसपुर। आज सोशल मीडिया और गूगल ट्रेंड्स में एनआरसी शब्द काफी चर्चा में है। यह नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन्स है, जिसका दूसरा और आखिरी मसौदा पेश होने के बाद असम में करीब 40 लाख लोगों पर भारत से निकाले जाने का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच सियायत भी तेज हो गई। खासतौर पर तृमणमूल कांग्रेस इसका भारी विरोध कर रही है। सवाल है, आखिर ये 40 लाख लोग कौन हैं? आइए, जानते हैं इनके बारे में।
1. एनआरसी का जो मसौदा आया है, उसमें असम में रहने वाले 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों ही भारत का वैध नागरिक माना गया है। करीब 40 लाख लोग ऐसे पाए गए हैं जिनकी नागरिकता संदिग्ध है। यह भी हो सकता है कि इनमें से कुछ लोग नागरिका साबित करने के लिए दस्तावेज पेश नहीं कर पाए हों। बहरहाल यह संख्या काफी बड़ी है और कोई भी देश अपनी अर्थवस्था पर इतनी बड़ी संख्या में अवैध रूप से रहने वालों का बोझ बर्दाश्त नहीं कर सकता।2. इन 40 लाख लोगों में ज्यादातर वे हैं जो 25 मार्च, 1971 से पहले भारत की नागरिकता का कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाए। लिहाजा इन्हें अवैध घोषित कर दिया गया है। इनमें से बड़ी तादाद उन लोगों की है जो अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में आ गए और बाद में यहीं रहने लगे। यह संख्या सैकड़ों या हजार में नहीं, बल्कि लाखों तक जा पहुंची।
3. बांग्लादेश से जो घुसपैठिए भारत में आते हैं, वे यहां के उन संसाधनों का इस्तेमाल कर अर्थव्यवस्था पर भार बढ़ाते हैं जिन पर पहला हक भारतवासियों का है। लंबे समय से असम सहित पूर्वोत्तर में इन्हें निकालकर बांग्लादेश भेजने की मांग हो रही थी। ऐसे में एनआरसी के जरिए उनकी पहचान की कोशिश की गई।
4. हालांकि यह कोई अंतिम सूची नहीं है और इसके तुरंत बाद ही लोगों को नहीं निकाला जाएगा। जो लोग वास्तव में भारत के नागरिक हैं, उन्हें एक और अवसर दिया जा रहा है। वे जरूरी दस्तावेज दिखाकर यह साबित कर सकते हैं कि भारत के नागरिक हैं। इस तरह एनआरसी भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा करता है।
जो लोग अवैध पाए जाएंगे, उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 2014 में भाजपा ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। 2016 में असम में भाजपा की सरकार बनी, तब इस बात की चर्चा थी कि सरकार अवैध बांग्लादेशियों को उनके देश भेजने की प्रक्रिया अपनाएगी। एनआरसी मसौदा इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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