दलितों के स्वाभिमान को कुचलने का प्रयास : मायावती

दलितों के स्वाभिमान को कुचलने का प्रयास : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने महाराष्ट्र के भीमा कोरे गांव में हुई हिंसक घटनाओं को दलितों का स्वाभिमान कुचलने का ’’फासीवादी’’ प्रयास करार देते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। मायावती ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि ’’भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस ’’की २००वीं सालगिरह के मौके पर हुई यह हिंसा शर्मनाक घटना है जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। उन्होंने इस घटना में मारे गए युवक के परिजनों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और उसके परिवार को हरसंभव मदद देने तथा घायलों को तत्काल समुचित सहायता देने की मांग की। उन्होंने प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की ताकि दोबारा कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके। बसपा प्रमुख ने कहा कि यह पहले से ही पता था कि इस बार २००वीं सालगिरह होने के कारण ब़डी संख्या में दलित समाज के लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे लेकिन उन्हें सुरक्षा दिए जाने के बजाय उन पर हमला कर दिया गया। उन्होंने इस हिंसा के पीछे कथित ’’भगवा ब्रिगेड’’ का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार जरा भी संवेदनशील और जिम्मेदार होती तो यह हिंसा कभी नहीं होती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार खामोश तमाशबीन बनी रही। मायावती ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच का महाराष्ट्र सरकार का आदेश दिखावटी है और यह लोगों की आंख में धूल झोंकने का प्रयास है। उन्होंने कहा, जिन-जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां दलितों पर जुल्म की घटनाएं हो रहीं हैं लेकिन आज तक किसी भी मामले में दलितों को न्याय नहीं मिला है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जातिवादी तत्वों के हौसले बुलंद हुए हैं और इन लोगों ने कानून-व्यवस्था को बंधक बनाकर रखा है। यह चिंता का विषय है कि भाजपा की सरकारें इससे बेपरवाह बनी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन मामलों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का रवैया और भी ज्यादा लापरवाह दिखाई प़डता है।

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