भारत ने अनेक मुश्किलों पर जीत पाई है, कोरोना पर भी पाएगा: भागवत
भारत ने अनेक मुश्किलों पर जीत पाई है, कोरोना पर भी पाएगा: भागवत
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भरोसा जताया है कि कोरोना महामारी पर भारत जरूर विजय पाएगा। उन्होंने इसके लिए दृढ़ संकल्प, सतत प्रयास व धैर्य रखने का आह्वान किया है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर प्रयास करने पर जोर देते हुए कहा कि यह गुण-दोषों के बारे में चर्चा करने का समय नहीं है।
कोविड रिस्पॉन्स टीम के संयोजक ले. जन. गुरमीत सिंह (से.नि.) ने बताया कि भागवत ‘हम जीतेंगे-पाज़िटिविटी अनलिमिटेड’ व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय अपने सारे मतभेद भुलाकर साथ मिलकर काम करना होगा। सब लोग एक टीम बनकर काम करेंगे तो सामूहिकता के बल पर हम अपनी और समाज की गति बढ़ा सकते हैं।भागवत ने कोरोना महामारी के अर्थव्यवस्था पर प्रभावों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहली लहर के बाद हम गफलत में आ गए और अब तीसरी लहर आने की बात हो रही है। इससे अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा आदि पर गहरा प्रभाव पड़ा है। आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर और असर पड़ सकता है, इसकी तैयारी हमें अभी से करनी होगी।
भागवत ने आह्वान किया कि भविष्य की इन चुनौतियों की चर्चा से घबराना नहीं है बल्कि यह चर्चा इसलिए जरूरी है ताकि हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए समय रहते तैयारी कर सकें। सजग, सक्रिय व स्वस्थ रहते हुए धैर्य व अनुशासन के साथ सेवा कार्यों में जुटना चाहिए। कोरोना के रोगियों को अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध हों, इसके प्रयास करने चाहिए। सेवा कार्यों में लगे संगठनों को सहयोग करना चाहिए। अपने आसपास के उन परिवारों की चिंता करनी चाहिए जिन पर आर्थिक संकट है। घर पर खाली न बैठें, कुछ नया सीखें, परिवारों में संवाद बढ़ाएं।
भागवत ने कहा कि यश-अपयश को पचाकर लगातार आगे बढ़ने की हिम्मत रखनी होगी। भारत एक प्राचीन राष्ट्र है तथा इस पर पूर्व में कई विपत्तियां आईं, लेकिन हर बार हमने उन पर विजय प्राप्त की है, इस बार भी हम विजय प्राप्त करेंगे। इसके लिए हमें अपने शरीर से कोरोना को बाहर रखना है तथा मन को सकारात्मक रखना है।
भागवत ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में निराशा की नहीं बल्कि इससे लड़कर जीतने का संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ऐसी बाधाओं को लांघ कर मानवता पहले भी आगे बढ़ी है और अब भी आगे बढ़ती रहेगी।