इस बार भी साफे में नजर आए मोदी, सोशल मीडिया पर छाया केसरिया रंग

इस बार भी साफे में नजर आए मोदी, सोशल मीडिया पर छाया केसरिया रंग

इस बार भी साफे में नजर आए मोदी, सोशल मीडिया पर छाया केसरिया रंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली/भाषा। स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर साल चटकीले और रंग-बिरंगे साफे में नजर आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी 74वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले में शनिवार को आयोजित समारोह में केसरिया और क्रीम रंग का साफा पहना।

प्रधानमंत्री ने इसके साथ आधी बाजू का कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा पहना था। उन्होंने इसके साथ ही केसरिया किनारी वाला सफेद गमछा भी डाल रखा था, जिसका वे कोविड-19 के मद्देनजर अपना मुंह और नाक ढकने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

शानदार बहुमत के साथ दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी ने पिछले साल लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपना छठा भाषण देते समय भी रंग-बिरंगा साफा पहना था। उन्होंने 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले भाषण में गहरे लाल और हरे रंग का जोधपुरी बंधेज साफा पहना था।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में पीले रंग का साफा पहना था, जिस पर अलग-अलग रंगों की धारियां थीं, जबकि 2016 में उन्होंने गुलाबी और पीले रंग का लहरिया ‘टाई एंड डाई’ साफा चुना था। इसके बाद, उन्होंने 2017 में गहरे लाल और पीले रंग का साफा पहना, जिसे पर सुनहरी धारियां थी। उन्होंने 2018 में केसरिया साफा पहना था।

गणतंत्र दिवस समारोहों में भी कच्छ के लाल बंधनी साफे से लेकर पीले राजस्थानी साफे तक, मोदी के साफे लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ऐतिहासिक लाल किले पर इस वर्ष कोविड-19 महामारी की छाया स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जहां सभी कुर्सियों पर मास्क, सैनिटाइजर, एक जोड़ा दस्ताने युक्त किट रखी हुई थी तथा कुर्सियों को इस प्रकार से रखा गया था कि सामाजिक दूरी के मानकों का पालन हो सके।

लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर साल काफी भीड़ रहती थी और अलग-अलग आयु वर्ग के लोग काफी उत्साह से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण निर्धारित सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए लोगों की संख्या कम रखी गई।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

'छद्म युद्ध' की चुनौतियां 'छद्म युद्ध' की चुनौतियां
आर्थिक दृष्टि से अधिक शक्तिशाली भारत अपने दुश्मनों पर और ज्यादा शक्ति के साथ प्रहार कर सकेगा
दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'