उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी वेबसाइट पर दें सियासी दल: उच्चतम न्यायालय
उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी वेबसाइट पर दें सियासी दल: उच्चतम न्यायालय
दलों को बताना होगा कि ऐसे उम्मीदवार को क्यों चुना जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं
नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण में वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को सभी सियासी दलों को निर्देश दिया कि वे चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सियासी दलों को वेबसाइट पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार क्यों चुने जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।न्यायालय ने एक अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। उस याचिका में राजनीति के अपराधीकरण का मुद्दा उठाते हुए दावा किया गया था कि सितंबर 2018 में आए शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है जिसमें सियासी दलों से अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा करने को कहा गया था।
न्यायमूर्ति रोहिन्टन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सियासी दल उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, क्षेत्रीय भाषा के एक अखबार और एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित करवाएं।
न्यायालय ने कहा कि सियासी दलों को ऐसे उम्मीदवार को चुनने के 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
साथ ही न्यायालय ने यह भी कहा कि जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, उनके बारे में अगर राजनीतिक दल न्यायालय की व्यवस्था का पालन करने में असफल रहते हैं तो चुनाव आयोग इसे शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रतीत होता है कि बीते चार आम चुनाव से राजनीति में अपराधीकरण तेजी से बढ़ा है।
About The Author
Related Posts
Latest News
