जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा, आंतरिक इलाकों के आसपास स्थिति नियंत्रण में: नए सैन्य उपप्रमुख
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा, आंतरिक इलाकों के आसपास स्थिति नियंत्रण में: नए सैन्य उपप्रमुख
नई दिल्ली/भाषा। सेना के नए उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के आस-पास और आंतरिक इलाकों में स्थिति नियंत्रण में है। सलामी गारद के निरीक्षण के बाद सैनी ने कहा कि सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, पिछले वर्ष संघर्षविराम उल्लंघन के मामले बढ़ गए। हम सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उपकरण, गोला-बारूद जैसी महत्त्वपूर्ण कमियों को दूर करने और उत्तरी सीमा के आस-पास क्षमता विकास उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।नए वायस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ़ लेफ्टिनेंट जनरल सैनी ने कहा, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जैसे नए पद सृजित हुए हैं। सेना मुख्यालय को उनके साथ जोड़कर अधिक समन्वय स्थापित करना मेरी प्राथमिकताएं होंगी। अब तक दक्षिणी कमान के प्रमुख रहे सैनी सैनिक स्कूल, कपूरथला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के छात्र रहे हैं। जून 1981 में उन्हें जाट रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त हुआ था।
On assuming appointment of Vice Chief of the Army Staff #VCOAS #IndianArmy, Lieutenant General S K Saini, paid homage to the brave soldiers by laying a wreath today at the National War Memorial & reviewed Guard of Honour.#NationFirst pic.twitter.com/M3nWvx1q1O
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) January 28, 2020
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लेफ्टिनेंट जनरल सैनी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) प्रशिक्षण केंद्र में हथियार प्रशिक्षक, नई दिल्ली में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में वरिष्ठ निर्देशक स्टाफ और भारतीय सैन्य अकादमी में कमांडेंट रहे हैं। उन्होंने इराक-कुवैत में संयुक्त राष्ट्र मिशन के डिप्टी चीफ मिलिट्री पर्सनल ऑफिसर के तौर पर भी सेवा दी है। वह मंगोलिया में वैश्विक शांति अभियान द्वारा शांतिरक्षा पर आयोजित एक अभ्यास में और ऑस्ट्रेलिया में आतंकवाद रोधी अभ्यास में शामिल हुए।
उन्हें अपने करियर के दौरान सेना प्रमुख से सम्मान, सेना कमांडर से सम्मान, युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त हुआ है। सैनी ने कहा कि नियंत्रण रेखा के आस-पास आतंकवादियों के ठिकानों पर गतिविधियां शुरू हो गई हैं और उनके ठिकाने सक्रिय हैं लेकिन भारतीय सशस्त्र बल उनसे निपटने के लिए तैयार है।