दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, वायु गुणवत्ता अब भी ‘गंभीर’
दिल्ली में सम-विषम योजना शुरू, वायु गुणवत्ता अब भी ‘गंभीर’
नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के प्रयास के तहत सोमवार सुबह आठ बजे से वाहनों की सम-विषम योजना शुरू हो गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपने परिवार और बच्चों के लिए इसका पालन करें।
इस योजना के तहत जिन श्रेणियों के वाहनों को छूट प्राप्त है, उन्हें छोड़कर आज सिर्फ वही चार पहिया गाड़ियां सड़कों चलेंगी जिनकी पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम है।शहर में आज सुबह साढ़े सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 439 था जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
केजरीवाल ने सुबह एक ट्वीट कर कहा, ‘नमस्ते दिल्ली! प्रदूषण कम करने के लिए आज से ऑड-ईवन शुरू हो रहा है। अपने लिए, अपने बच्चों की सेहत के लिए और अपने परिवार की सांसों के लिए ऑड-ईवन का ज़रूर पालन करें। कार शेयर करें। इस से दोस्ती बढ़ेगी, रिश्ते बनेंगे, पेट्रोल बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा।’
सम-विषम नियम के उल्लंघन पर 4,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन व राजस्व विभाग की 600 टीमों को शहर में योजना के सख्ती से अनुपालन के लिये तैनात किया गया है।
यह योजना 15 नवंबर तक सोमवार से शनिवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार पहिया वाहनों पर लागू होगी। इसके तहत जिन गाड़ियों की पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक विषम (1,3,5,7,9) है उन्हें चार, छह, आठ, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी।
इसी तरह जिन वाहनों की पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम (0,2,4,6,8) होगा उन्हें पांच, सात, नौ, 11,13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं होगी।
दो पहिया और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को इस योजना में छूट दी गई है लेकिन इस बार सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के लिये ये छूट नहीं है। जिन गाड़ियों में सिर्फ महिलाएं और उनके साथ 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चे होंगे उन्हें भी छूट होगी। दिव्यांगजनों के वाहनों को भी सम-विषम में छूट है।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आपातकालीन, प्रवर्तन सेवाओं के वाहनों समेत 29 श्रेणियों के वाहनों को इससे छूट दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को हालांकि इससे छूट नहीं दी गई है।