कांग्रेस की नैया पार कराई डीके शिवकुमार ने

कांग्रेस की नैया पार कराई डीके शिवकुमार ने

बेंगलूरु/दक्षिण भारतबीते सप्ताह में कर्नाटक में चलेे सत्ता के नाटक का पटाक्षेप हो चुका है और अब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार अपनी कम सीटों की वजह से जनता दल (एस) के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। १२ मई को हुए चुनावों के बाद १५ मई को हुई मतगणना में किसी भी पार्टी को जनादेश में पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। हालांकि भाजपा सबसे ब़डी पार्टी बनकर उभरी, जिसने १०४ सीटों के साथ सरकार बना ली। यही नहीं, बीएस येड्डीयुरप्पा ने राज्य के २५वें मुख्यमंत्री पद के तौर पर शपथ ली। उधर पूर्ण बहुमत से मात्र आठ सीटें ही दूर भाजपा पर कांग्रेस और जेडीएस विधायकों की खरीद-फरोख्त और उन्हें धमकाए जाने के आरोप लगे, मगर इन सबके बीच ५३ वर्षीय अनुभवी वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की काबलियत व जिम्मेदारी पूर्वक निभाई गई वफादारी ने भाजपा को सत्ता पर काबिज होने से रोकते हुए कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका के मद्देनजर पूरे चार दिनों तक अपने सभी विधायकों की निगहबानी का जिम्मा शिवकुमार पर ही था। उन्होंने विधायकों को बेंगलूरु और हैदराबाद में सुरक्षित और एकजुट रखने में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन ही नहीं किया बल्कि दो निर्दलीय विधायकों को भी पहले ही अपने पाले में कर लिया। डीके शिवकुमार आमतौर पर कुर्ता-पायजामा में नजर आते हैं, लेकिन शनिवार को फ्लोर टेस्ट के दौरान वे सदन में पारंपरिक धोती और कुर्ता पहनकर आए थे। हालांकि इस संबंध में जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैं घर नहीं जा सका। मेरे सूटकेस में बस ये पारंपरिक परिधान थे तो मैंने ये ही पहन लिए।’’ कांग्रेस के भरोसेमंद नेता डीके शिवकुमार पार्टी के सबसे सक्षम, वरिष्ठ, तेजतर्रार व अनुभवी सिपहसालारों में से एक हैं। गत वर्ष गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने शिवकुमार पर भरोसा जताते हुए अपने सभी ४३ विधायकों को इन्हीं के पास भेजा था। उल्लेखनीय है कि राज्य के प्रमुख क्षेत्रीय दल जेडीएस के प्रमुख एचडी देवगौ़डा व उनके पुत्र एचडी कुमारस्वामी से शिवकुमार की कभी आपस में नहीं बनी यानी दोनों एक-दूसरे के धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं, लेकिन जब कांग्रेस हाईकमान ने चुनावी नतीजों के बाद जनता दल (एस) के साथ जब गठबंधन का निर्णय किया तो उन्होंने भी अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाते हुए पार्टी के फैसले का सम्मान किया। बकौल डीके शिवकुमार, ‘पार्टी के फैसले उनसे ब़ढकर हैं। वह पार्टी के हर आदेश का सम्मान करते हैं। मैंने पहले भी इस तरह की अनेक जिम्मेदारियां निभाई हैं। महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख के समय उत्पन्न राजनीतिक संकट और गुजरात में राज्यसभा चुनाव के समय भी पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी थी उसे मैंने बखूबी निभाया। वह (भाजपा) ज्यादा से ज्यादा मुझे जेल भिजवा सकते हैं लेकिन उसके लिए वकील हैं और मीडिया है जो सच बाहर लेकर आएगा।’’ वर्ष १९९९ में एसएम कृष्णा के कर्नाटक के मुख्यमंत्रित्व काल में सबसे युवा मंत्री के रुप में डीके शिवकुमार ने शपथ ली थी। दक्षिण भारत के कर्नाटक प्रांत की राजनीति में शिवकुमार का कद किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। सबसे अमीर नेताओं की गिनती में आने वाले पार्टी के इस सिपहसालार के वर्ष २०१३ के चुनावी हलफनामे के मुकाबले वर्तमान में इनकी संपत्ति में करीब ५८९ करो़ड का जबरदस्त इजाफा हुआ है। शिवकुमार के करीबियों की मानें तो उनका एक सपना है कि वह एक दिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनें। बहरहाल, हालिया जानकारी के मुताबिक बुधवार को एचडी कुमारस्वामी प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, इसके बाद ही यह साफ हो पाएगा कि कांग्रेस के इस वफादार सिपहसालार को पार्टी की ओर से इनकी ईमानदारी का आखिर इनाम क्या मिलता है?

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