रेल मंत्री की टिप्पणी से राज्यसभा में शोरशराबा
रेल मंत्री की टिप्पणी से राज्यसभा में शोरशराबा
नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को एक निजी विधेयक पर चर्चा के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल की एक टिप्पणी का विपक्षी दलों के सदस्यों ने क़डा विरोध किया जिसके कारण सदन कुछ समय के लिए शोरगूल में डूब गया। भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा पेश गैर सरकारी ’’गो संरक्षण विधेयक २०१७’’ पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान बोल रहे थे। इसी बीच गोयल ने किसी सदस्य का नाम लिए बिना कहा कि इतने गंभीर विषय को मजाक बनाया जा रहा है। इसके बाद सपा के नीरज शेखर उत्तेजित हो गए और अपनी सीट के आगे निकल कर जोर जोर से बोलने लगे। इसके बाद कई अन्य सदस्यों ने भी एक साथ जोर से बोलना शुरु कर दिया। कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि मंत्री ने अनावश्यक टिप्पणी की है जिसे सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने व्यवस्था का मामले उठाते हुए कहा कि नियम के अनुसार जब कोई सदस्य बोल रहे होते हैं तो दूसरे को नहीं बोलना चाहिए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि रेल मंत्री ने कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की है जिसे कार्यवाही से हटाया जाए। उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि जब कोई सदस्य अपने विचार व्यक्त कर रहा हो तो दूसरे को नहीं बोलना चाहिए। किसी सदस्य को यदि दूसरे सदस्य की बातों पर आपत्ति हो तो उन्हें अपनी बारी आने पर उसका जवाब देना चाहिए लेकिन यह होता रहता है कि सदन में चर्चा के दौरान सदस्य हल्की फुल्की टिप्पणी करते हैं। इसके बाद सदस्य शांत हो गए। इससे पूर्व खान ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने, गाय का पालन निजी स्तर पर नहीं कर सरकारी स्तर पर शुरु किए जाने तथा गो मांस खाने वालों देशों के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गाय का संरक्षण किया जाना चाहिए लेकिन कुछ दल और संगठन राजनीतिक उद्देश्यों से गाय की चर्चा करते हैं।