हैदराबाद में बनेगी रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची ‘स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी’
हैदराबाद में बनेगी रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची ‘स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी’
नई दिल्ली/हैदराबाद। महान संत रामानुजाचार्य की सहस्त्राब्दी वर्षगांठ (१०१७-२०१७) के अवसर पर हैदराबाद में उनकी २१६ फुट ऊंची ’’स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’’ प्रतिमा लगायी जायेगी। जीयार इंटीग्रेटेड वेदिक एकेडमी (जीवा) के परिसर में यह प्रतिमा लगाई जायेगी। पंच धातु से निर्मित होने वाली इस प्रतिमा पर करीब एक हजार करो़ड रुपए खर्च होने का अनुमान है। २१६ फुट की ’’समानता की प्रतिमा’’ या ’’स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी’’ का निर्माण हैदराबाद के शमशाबाद के श्रीरामनगर में स्थित जीवा आश्रम में किया जाएगा।जीवा के प्रमुख चिन्ना जीयर स्वामी ने शनिवार को यहां बताया कि स्टेच्यू ऑफ इक्वलिटी का निर्माण पांच धातुओं के मिश्रण से किया जाएगा। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से एक एज्युकेशनल गैलरी का भी निर्माण किया जायेगा, जहां रामानुजाचार्य स्वामी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा और ध्यानम मंदिरम (मेडिटेशन हॉल) में उनकी १२० किलोग्राम वजन की स्वर्ण मूर्ति स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि एक ओम्नीमैक्स थिएटर का भी निर्माण किया जाएगा, जिसमें वैदिक ग्रंथों में बताए गए ब्रह्मांड के रहस्यों पर आधारित बेहद ज्ञानवर्द्धक एवं सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। यह पूरा स्थल पर्यावरण के अनुकूल होगा और वहां अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था की जायेगी।चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि स्टेच्यू ऑफ इक्वालिटी, समानता के लिए काम करने वाले श्री रामानुजाचार्य स्वामी को श्रद्धांजलि के तौर पर बनायी जायेगी। उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से एक हजार वर्ष पहले ही समाज में बदलाव का बिगुल फूंका था। समाज द्वारा तिरस्कृत तथा पिछ़डे लोगों को उन्होंने ऐसे समय में कुलीन वर्गों के साथ एक ही मंच पर लाने की कोशिश की थी, जब पूरा समाज छुआछूत और जाति आधारित भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों से जक़डा हुआ था। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने तिरस्कृत लोगों को मंदिरों में प्रवेश कराया था और सभी अवरोधों को दरकिनार कर सामान्य जन को ’’अष्टकाक्षरी मंत्र’’ दिया था। वर्तमान में श्री रामानुजाचार्य स्वामी सिर्फ एक पवित्र नाम नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक है। वह आने वाली पीि़ढयों के लिए समानता और उम्मीद का प्रकाश हैं।
चिन्ना जीयर स्वामी