आईआईटी-जेईई काउंसलिंग और दाखिले पर लगी रोक हटी
आईआईटी-जेईई काउंसलिंग और दाखिले पर लगी रोक हटी
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश में आईआईटी-जेईई की काउंसलिंग और दाखिले पर लगी रोक सोमवार को हटा ली। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो-सदस्यीय पीठ ने गत सात जुलाई का अपना स्थगनादेश वापस लेते हुए यह स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए। यह विवाद दो गलत सवालों पर सभी को अतिरिक्त अंक दिए जाने को लेकर था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों से किसी भी तरह की दुविधा की स्थिति पैदा होने से बचने के लिए, आईआईटी में दाखिले और काउंसलिंग के संबंध मे किसी याचिका में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान आईआईटी-जेईई के एडवांस कोर्स में सभी उम्मीदवारों को अतिरिक्त सात अंक दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा था। यह अतिरिक्त सात अंक हिदी भाषा के प्रश्नपत्र में प्रिंटिंग की गलती के मद्देनजर दिए गए। इससे पहले इस मामले में शीर्ष अदालत ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए काउंसलिंग में दखल देने से इन्कार कर दिया था।न्यायालय ने आईआईटी से लिखित में यह आश्वासन देने के लिए कहा है कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी और बोनस अंक देने वाली स्थिति दोबारा पैदा नहीं होगीसुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन संस्थानों में दाखिला ले चुके २३,००० छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था। कोर्ट ने आईआईटी में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को स्वीकार करने पर भी सभी उच्च न्यायालयों पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक बोनस अंक देने की वैधता के बारे में फैसला नहीं होता तब तक दाखिला ले चुके छात्रों का भविष्य अधर में रहेगा।