कोरोना महामारी के बावजूद बिहार में 2015 से अधिक मतदान, किस ओर इशारा?

कोरोना महामारी के बावजूद बिहार में 2015 से अधिक मतदान, किस ओर इशारा?

पटना/भाषा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बावजूद इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में वर्ष 2015 की तुलना में अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बार प्रदेश में मतदान का प्रतिशत 57.05 रहा। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में यह स्पष्ट हुआ है।

आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 56.66 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था वहीं इस साल कोविड-19 के बावजूद 57.05 प्रतिशत मतदान हुआ।

आंकड़ों के अनुसार तीन चरणों में समाप्त हुए मतदान में इस वर्ष महिला मतदाताओं की संख्या (59.69 प्रतिशत) पुरुष मतदाताओं (54.68 फीसदी) की तुलना में अधिक रही।

इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात नवंबर को अपेक्षाकृत अधिक मतदान हुआ, जिसमें कोसी-सीमांचल, मिथिलांचल और तिरहुत के 15 जिलों की 78 सीटें शामिल थीं ।

तीसरे चरण के चुनाव में मतदान करीब 60 प्रतिशत हुआ जबकि पहले चरण में 55.68 प्रतिशत और दूसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 55.70 रहा था। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में 57.33 प्रतिशत मतदान हुआ था।

सूत्रों ने बताया कि तीसरे चरण के तहत जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था, किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में दोबारा मतदान का आदेश नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में चुनाव पर्यवेक्षकों और रिटर्निंग आफिसरों ने जांच पूरी कर ली है और किसी भी तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई है।

कोविड-19 महामारी के बीच देश में यह पहला बड़ा चुनाव था और इसके दृष्टिगत लोगों की सुविधा के लिए आयोग ने मतदान की अवधि इस बार एक घंटे बढ़ा दी थी।

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