संशोधित नागरिकता कानून पर लोगों को उकसा कर दंगे करवा रहा है विपक्ष: शाह
संशोधित नागरिकता कानून पर लोगों को उकसा कर दंगे करवा रहा है विपक्ष: शाह
भुवनेश्वर/भाषा। संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में यहां आयोजित रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल नागरिकता कानून पर लोगों को उकसा कर दंगे करवा रहा है।
शाह ने कहा कि लोगों को बाहर आना चाहिए और जो लोग दिक्कत पैदा कर रहे हैं, उनसे पूछना चाहिए कि संशोधित नागरिकता कानून का कौनसा उपबंध लोगों की नागरिकता छीनने की बात करता है।उन्होंने सीएए के समर्थन में आयोजित भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, विपक्ष के लोग संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भ्रांति फैला रहे हैं कि संशोधित नागरिकता कानून से मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने आरोप लगाया, वे (विपक्ष) लोगों को उकसा रहे हैं, दंगे करा रहे हैं। रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि इस कानून से किसी भारतीय मुस्लिम की नागरिकता नहीं जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने पूर्वी भारत के विकास के दरवाजे खोले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 55 साल में जो करने में विफल रही, उसे हमने पांच साल में कर दिया।
शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 70 सालों से लटके कुछ मसलों का समाधान किया है, जिसमें अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाना शामिल है, जिसके तहत कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था।
उन्होंने कहा कि मोदी अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक बहुत बड़ी योजना लाए हैं, जिसके तहत 2024 तक देश के हर घर में नल से स्वच्छ पीने का पानी पहुंचाना है। शाह ने कहा, इस योजना का सबसे बड़ा फायदा अगर किसी राज्य हो हाने वाला है तो वह ओडिशा है।
उन्होंने कहा कि इतने वर्षों की यात्रा में यहां कांग्रेस पार्टी पहली बार मुख्य विपक्षी दल से नीचे उतरी और भाजपा का हमारा कार्यकर्ता आज विपक्ष के नेता के रूप में विधानसभा में बैठकर ओडिशा की जनता की आवाज बना है।
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के बाद मैं पहली बार ओडिशा आया हूं। मैं भाजपा की तरफ से आपको धन्यवाद देता हूं कि आपने 8 सीटों पर हमें विजय दिलाई।
शाह ने कहा, मैं आज सभी ओडिशा वासियों को बताना चाहता हूं कि मैं पांच साल तक पार्टी अध्यक्ष रहा हूं, अनेक बार ओडिशा आया हूं और यहां के अनेक नगरों में गया और कार्यकर्ताओं से मिला हूं। कभी भी ओडिशा मुझे गुजरात से अलग नहीं लगा और यह हमेशा मुझे अपना दूसरा घर लगा।