आदित्य ठाकरे के मैदान में उतरने से चर्चित हुई वर्ली सीट
आदित्य ठाकरे के मैदान में उतरने से चर्चित हुई वर्ली सीट
मुंबई/भाषा। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे के चुनाव में हिस्सा लेने से मुंबई की वर्ली सीट काफी चर्चित हो गई है और सभी नजरें अब युवा सेना प्रमुख पर टिकी हैं। आदित्य अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं।
अगर युवा सेना के नेता अगले सप्ताह होने जा रहे राज्य विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हैं तो यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि चुनाव में मतों की संख्या और जीत का अंतर अधिक मायने रखेगा क्योंकि इस सीट को उनके पिता के नेतृत्व वाली पार्टी का गढ़ माना जाता है।आदित्य ठाकरे (29) राकांपा उम्मीदवार एवं दलित नेता सुरेश माने के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। अगर राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सत्ता में आता है तो पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाना चाहती है।
शिवसेना उम्मीदवार जहां रोड शो, पैदल मार्च और आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई और मुंबई में रात्रि जीवन जैसे मुद्दों को उठाकर राजनीति में पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं राकांपा का कहना है कि उसके उम्मीदवार स्थानीय मुद्दों से अधिक वाकिफ हैं क्योंकि वे वर्ली से आते हैं और इसे शिवसेना का गढ़ नहीं कहा जा सकता है।
यह विधानसभा क्षेत्र दक्षिण मुंबई में स्थित है जिसमें बीते वर्षों में बड़ा बदलाव देखा गया है। कभी वस्त्र उद्योग का केंद्र रहे इस क्षेत्र में आज आलीशान गगनचुंबी इमारतें एवं आधुनिक व्यावसायिक परिसर हैं।
शिवसेना उम्मीदवार ने कहा, वर्ली एक छोटा-महाराष्ट्र है, जहां जाति एवं समुदाय से ऊपर उठकर चॉल, झुग्गी-झोपड़ी बस्ती, टॉवरों का मिला-जुला रूप देखने को मिलता है। बीडीडी चॉल के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। मैं इस क्षेत्र को मॉडल के तौर पर पेश करना चाहता हूं कि विकास कैसे होना चाहिए।
राकांपा उम्मीदवार माने ने कहा कि चूंकि यह विधानसभा क्षेत्र हाजी अली दरगाह से लेकर वर्ली सीफेस, कोलीवाड़ा, प्रभादेवी, एलफिस्टोन, आर्थर रोड जेल और महालक्ष्मी तक फैला है, इसलिए वह मराठी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगु और दलित मतदाताओं से संपर्क के लिए पैदल मार्च कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं अपनी पदयात्रा और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार तथा नुक्कड़ सभाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। स्थानीय राकांपा नेता रवि मायेकर ने इन दावों को खारिज किया कि उनकी पार्टी ने शिवसेना के खिलाफ कमजोर उम्मीदवार उतारा है।