आजम के फिर बिगड़े बोल, पीठासीन सभापति रमा देवी पर की विवादित टिप्पणी

आजम के फिर बिगड़े बोल, पीठासीन सभापति रमा देवी पर की विवादित टिप्पणी

सपा सांसद आजम खान ने रमा देवी पर विवादित टिप्पणी की।

नई दिल्ली/भाषा। लोकसभा में तीन तलाक पर रोक लगाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब पीठासीन सभापति रमा देवी को लेकर समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की एक टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध जताया और उनसे माफी की मांग की। आजम खान समेत सपा के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन से वाकआउट किया।

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आजम खान जब ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019’ पर सदन में हो रही चर्चा में भाग ले रहे थे तो पीठासीन सभापति रमा देवी ने उनसे आसन की ओर देखकर बोलने को कहा। इस पर खान ने कुछ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी की जिस पर भाजपा के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। पीठासीन सभापति रमा देवी भी कहते सुनी गईं कि यह बोलना ठीक नहीं है और इसे रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए आजम खान से माफी मांगने को भी कहा।

हालांकि आजम खान ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा, आप मेरी प्यारी बहन हैं। बहरहाल, भाजपा के सदस्य माफी पर अड़े रहे और टीका-टिप्पणी जारी रही। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, वन और पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो तथा गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आसन से मांग की कि सपा सदस्य आजम खान को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

सदन में जोरदार हंगामे के बीच आसन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पदासीन हुए। उन्होंने बीच बीच में टिप्पणी कर रहे भाजपा सदस्यों से भी इत्तेफाक नहीं जताते हुए कहा कि आप संख्या में बड़े हो सकते है, लेकिन सदन सबकी सहमति से चलता है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।

आजम खान ने कहा कि मैंने कहा था कि मेरी बहुत प्यारी बहन हैं। मेरी लंबी राजनीतिक जिंदगी रही है और मैंने कभी कोई ऐसी बात नहीं की। उन्होंने कहा, अगर मैंने एक भी असंसदीय शब्द कहा हो तो मैं आज ही इस्तीफा देता हूं। बिरला के कहने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि खान ने कोई असंसदीय बात नहीं की है। इसी दौरान यादव भी एक शब्द का इस्तेमाल कर गए जिसे स्पीकर ने असंसदीय करार दिया।

इस पर यादव ने कहा कि सत्तापक्ष की तरफ से किसी ने उनके खिलाफ यह शब्द बोला और उन्होंने जवाब में फिर उसी शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद बसपा के दानिश अली ने आरोप लगाया कि विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने उन्हें बोलने नहीं दिया। अली सदन से वाकआउट कर गए।

इसके बाद आजम खान भी कहते सुने गये कि अपमानित होकर बोलने से क्या हासिल। समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव उनसे बोलने के लिए कहते रहे लेकिन आजम खान भी अपने स्थान से उठकर चले गये। इसके बाद सपा और बसपा के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गये। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने आज जो संदेश दिया है कि वह दोनों पक्षों के लिए समानता रखेंगे, यह स्वागत योग्य है।

उन्होंने कहा कि लेकिन जब सदन में तीन तलाक विधेयक पर चर्चा चल रही हो ऐसे समय दो तीन अल्पसंख्यक सदस्य सदन से चले जाएं तो देश में गलत संदेश जाएगा। सत्ता पक्ष को भी धैर्य रखने की जरूरत है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि हम असंसदीय शब्दों को रिकॉर्ड से तो हटा देते हैं लेकिन एक बार कोई शब्द जनता में चला जाता है तो गलत संदेश जाता है। सभी सदस्यों का प्रयास होना चाहिए कि सदन की गरिमा का ध्यान रखें और ऐसे शब्द कभी बोले ही नहीं जाएं जिन्हें रिकार्ड से हटाना पड़े।

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