सहारनपुर में त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

सहारनपुर में त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

चुनाव में मतदाता

सहारनपुर/वार्ता। देश के ब़डे गन्ना उत्पादकों की फेहरिस्त में शामिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महागठबंधन की ओर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार के बीच क़डा संघर्ष होने के आसार हैं। इस सीट पर कुल ११ उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद राघव लखनपाल शर्मा और पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद एवं बसपा उम्मीदवार फजलुर्ररहमान कुरैशी के बीच है।

यहां पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा।यहां पिछले लोकसभा चुनाव में 74.2 प्रतिशत मतदान हुआ था और करीब 12 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। राघव लखनपाल शर्मा को चार लाख 72 हजार 999 वोट हासिल हुये थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे इमरान मसूद को चार लाख सात हजार 909, बसपा उम्मीदवार ठाकुर जगदीश सिंह राणा को दो लाख 35 हजार 33 और सपा उम्मीदवार साजान मसूद को 52 हजार 65 वोट मिले थे।

इस बार बसपा के पिछले हारे प्रत्याशी जगदीश राणा भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा के साथ हैं और सपा के साजान मसूद अपने चचेरे भाई इमरान मसूद के साथ हैं जिससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय और कांटे का हो गया है। सहारनपुर सीट पर 39 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं जबकि 21-22 फीसदी के करीब अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।

सपा-बसपा का गठबंधन होने के कारण बसपा उम्मीदवार फजलुर्ररहमान कुरैशी भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा को तग़डी चुनौती दे रहे हैं जबकि कांग्रेस उम्मीदवार एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद इस ल़डाई को तिकोना बना रहे हैं। इस सीट पर कुल 17 लाख 12 हजार 580 कुल मतदाता हैं। सहारनपुर शक्तिपीठ मां शाकुम्बरी देवी, काष्ठ कला उद्योग और देवबंद स्थित दारूल उलूम के लिए विश्वविख्यात है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना पट्टी के जिले सहारनपुर में पांच चीनी मिलें हैं। गन्ना किसानों की समस्या प्रमुख हैं। किसानों की शिकायत है कि 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पापुलर की खेती करने वाले किसानों को पक्का भरोसा दिया था कि उन्हें अपने पापुलर के पे़ड बेचने के लिए हरियाणा जाने को मजबूर नहीं होना प़डेगा।

जिले में ही पापुलर लकड़ी पर आधारित प्लाईवुड की फैक्टरियां स्थापित की जाएंगी लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। सपा विधायक संजय गर्ग का आरोप है कि योगी सरकार ने इस बार गन्ना मूल्य में कोई बढोत्तरी नहीं की और सहारनपुर मंडल की चीनी मिलों पर मौजूदा पेराई सत्र का करो़डों रुपया बकाया है।

सहारनपुर जिले में पिछले पांच साल के दौरान कोई भी नया उद्योग नहीं लगा और ना ही कोई रोजगार के नए अवसर नजर आए। सहारनपुर से मुजफ्फरनगर की रेलवे लाइन का दोहरी करण भी मोदी सरकार अभी तक नहीं करा पाई है।

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