भाजपा का विरोध करते जिग्नेश मेवानी ने पार की बेशर्मी की हद, प्रधानमंत्री को कहा ‘नमक हराम’
भाजपा का विरोध करते जिग्नेश मेवानी ने पार की बेशर्मी की हद, प्रधानमंत्री को कहा ‘नमक हराम’
पटना। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने पटना में भाकपा की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द बोले। मेवानी शब्दों की मर्यादा इस कदर भूले कि उन्होंने नौ मिनट के भाषण में छह बार मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने बेशर्मी की सभी हदों को पार करते हुए देश के प्रधानमंत्री को नमक हराम कह दिया। उनका यह भाषण सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने काफी आपत्ति जताई।
कई यूजर्स ने मांग की है कि मेवानी को प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल करने पर माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। लोगों ने इस बात पर हैरानगी जताई है कि एक शिक्षित नागरिक एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधि भीड़ के सामने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को इतने अभद्र शब्द कैसे बोल सकता है!दरअसल मेवानी 25 अक्टूबर को पटना में भाकपा की एक रैली को संबोधित करने आए थे। अपने भाषण में मेवानी शब्दों की मान-मर्यादा भूल गए और प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे जिन्हें सभ्य समाज में बोलना बहुत अपमानजनक समझा जाता है।
मेवानी ने अपने भाषण में अपशब्दों की बौछार शुरू कर दी। उन्होंने कई बार प्रधानमंत्री मोदी को नमक हराम कहकर संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने मोदी को कप्तान कहा। उन्होंने कहा कि मोदी की सबसे ज्यादा नमक हरामी गुजरात के लोगों ने देखी है।
इस दौरान कुछ समय के लिए बिजली चली गई और माइक काम नहीं कर रहा था, तो जिग्नेश ने इसकी खीझ भी मोदी पर उतारी। उन्होंने कहा कि रैली में बिजली गुल होना नमक हराम की साजिश है।
रैली को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाए। रैली में भाकपा के अलावा अन्य वामपंथी दल, कांग्रेस, राजद, सपा सहित विपक्ष के विभिन्न दलों के समर्थक शामिल हुए। मंच पर पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और भाकपा नेता डी. राजा भी मौजूद थे। मेवानी के भाषण पर कहा जा रहा है कि कार्यक्रम में उपस्थित लोगों द्वारा उनके अपशब्दों पर ऐतराज न जताना हैरान करता है। लोकतंत्र में इस तरह की शब्दावली के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
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