जब इंदिरा गांधी के खिलाफ बना महागठबंधन बुरी तरह हारा, क्या इस बार भी होगा वही परिणाम?
जब इंदिरा गांधी के खिलाफ बना महागठबंधन बुरी तरह हारा, क्या इस बार भी होगा वही परिणाम?
नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनावों से पूर्व विपक्ष के महागठबंधन की काफी चर्चा है। विपक्ष के कई नेता कह रहे हैं कि वे इसके जरिए मोदी का विजयरथ रोक लेंगे। वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन की एक घटना का हवाला देकर कहा है कि इस बार भी महागठबंधन फेल होगा। उन्होंने कहा है कि इंदिरा गांधी के जमाने में विपक्ष ने महागठबंधन बनाकर ‘इंदिरा हटाओ’ का नारा दिया था लेकिन वह विचार बुरी तरह विफल हुआ। उनका कहना है कि इस बार भी महागठबंधन का हाल वही होने जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि 1971 में विपक्ष इंदिरा गांधी को शिकस्त देने के लिए आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हुआ था। तब उसका दावा था कि वह इंदिरा गांधी को सत्ता से बाहर कर देगा। जब चुनाव नतीजे आए तो वे विपक्ष के महागठबंधन के पक्ष में नहीं थे। सुशील मोदी ने कहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग, जिसकी कुल तादाद करीब 70 प्रतिशत है, वह दोबारा नरेंद्र मोदी को ही वोट देगा। उसने 2014 में भी मोदी को वोट दिया था।सुशील मोदी ने कहा है कि उस दौर में इंदिरा गांधी के सामने विपक्ष के नेता के तौर पर कोई चेहरा नहीं था। उन्होंने कहा कि आज मोदी के सामने विपक्ष का कोई चेहरा नहीं है। सुशील मोदी ने कहा कि उन चुनावों में विपक्ष ने ‘इंदिरा हटाओ’ का नारा दिया था। तब इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ नारा दिया। इंदिरा गांधी ने अपनी कई जनसभाओं में कहा था कि विपक्ष का जोर इंदिरा हटाने पर है लेकिन वे गरीबी हटाना चाहती हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि उन चुनावों मे इंदिरा गांधी ने देश के कई हिस्सों में घूम-घूमकर प्रचार किया। चुनाव हुए और कांग्रेस को लोकसभा की 518 सीटों में से 352 पर विजय मिली। उन्होंने कहा है कि इस बार भी विपक्ष का महागठबंधन हारेगा और भाजपा पूरे बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी।
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