पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, देश में शोक की लहर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, देश में शोक की लहर

atal bihari vajpayee

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को निधन हो गया। वे 93 साल के थे। उन्होंने शाम 5.05 बजे अंतिम सांस ली। पिछले काफी समय से उनकी सेहत ठीक नहीं थी। उन्हें किडनी और हृदय संबंधी तकलीफ थी। वे कई सप्ताह से एम्स में भर्ती थे और अचानक 15 अगस्त को स्वास्थ्य में भारी गिरावट आई। वहां विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी सेहत पर नजर रखे हुए थे। इस संबंध में एम्स ने बयान जारी कर बताया कि पिछले 36 घंटों में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की तबीयत काफी खराब थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की। वाजपेयी को यूरिन इन्फेक्शन था। वे मधुमेह से भी पीड़ित थे। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी डिमेंशिया नामक बीमारी से जूझ रहे थे। वे पिछले करीब नौ साल से व्हीलचेयर पर थे।

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पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की सेहत लगातार गिरती जा रही थी। उसके बाद एम्स में हलचल तेज हो गई। अस्पताल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वाजपेयी के निधन की खबर मिलने के बाद उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। लोग उनकी बातों, किस्सों और कविताओं को याद कर रहे हैं। कई समर्थक अपने हाथों में उनकी तस्वीर लिए हैं। सोशल मीडिया पर देशभर में लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अंतिम यात्रा शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे भाजपा मुख्यालय से निकाली जाएगी।

भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर वक्ता, प्रसिद्ध लेखक और कवि भी थे। जब वे कविता पाठ करते तो काफी लोग उन्हें सुनने आते। वाजपेयी के प्रशंसक यूट्यूब पर भी उनकी कविताओं के वीडियो सर्च करते हैं। इसके अलावा वाजपेयीजी के कई मशहूर भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाजपेयीजी को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट किया है:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। मोदी ने ट्वीट कर वाजपेयीजी को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने इसे स्वयं के लिए भी एक अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा है कि वे मुझ जैसे कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने वाजपेयीजी की एक कविता भी ट्विटर पर पोस्ट की है —

लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-
‘मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?’

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि वाजपेयीजी भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि आज भारत ने एक महान् सपूत खो दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा है कि देश ने सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत, प्रखर वक्ता, लेखक, चिंतक, अभिभावक एवं करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाजपेयी को विनम्र श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने उनके निधन को देश की बड़ी क्षति बताया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लिखा है, एक महान जीवन का अंत। लेकिन एक प्रेरणा जो सदा जीवित रहेगी। अटलजी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि!

मई 1998 में वाजपेयी के दौर में भारत ने परमाणु परीक्षण किया था। उस समय कई अंतरराष्ट्रीय दबाव थे लेकिन वाजपेयी उनके सामने नहीं झुके। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया गया था, जिसके बाद देश की धाक बढ़ी। वर्ष 1999 में जब पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ कर युद्ध छेड़ा तो वाजपेयी ने बहुत सूझबूझ का परिचय दिया और उस युद्ध में देश विजयी हुआ। वाजपेयी के निधन से देश में राजनीति का एक महान सूर्य अस्त हो गया।

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